यदि आप भी उनलोगों में से एक हैं जिन्हें अलग-अलग मोबाइल में अलग-अलग चार्जिर से परेशानी है तो यह खबर आपके लिए है, क्योंकि संभव है कि आने वाले दिन में सभी कंपनियों के स्मार्टफोन एक ही तरह के चार्ज होंगे।
दरअसल यूरोपीय यूनियन के संसद में मोबाइल फोन और टैबलेट में एक जैसे चार्जिंग पोर्ट देने की मांग उठी है। यूरोपीय यूनियन के मैंबर्स ने हाल ही में 13 जनवरी को इस संबंध में एक बिल यूरोपीय संसद में रखा है जिसमें सभी इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के मोबाइल और डिवाइस में एक ही तरह के चार्जिंग पोर्ट देने की बात कही गई है। यूरोपीय सांसदों का मानना है कि एक ही तरह के चार्जर होने होने से कई तरह के फायदे होंगे और ईलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई वेस्ट) में भी कमी आएगी।
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यूरोपियन सांसदों की ओर से की गई कॉमन चार्जर की मांग पर एपल का कहना है कि इससे इनोवेशन कम की संभावना कम हो जाएगी। साथ ही एंड्रॉयड और आईओएस दोनों डिवाइस के लिए एक ही तरह के चार्जिंग पोर्ट देने अपने आप में एक बड़ा चैलेंज है।
एक ओर जहां यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि एक ही तरह के चार्जर होने से ई-वेस्ट में कमी आएगी, वहीं एपल का कहना है कि इससे ई-वेस्ट अचानक से बढ़ जाएगा, क्योंकि कंपनी ने हाल ही में करीब एक अरब से अधिक डिवाइस को लाइटनिंग कनेक्टर के साथ मैन्यूफैक्चर कराया है। बता दें एपल को छोड़कर तमाम मोबाइल कंपनियां अब अपनी डिवाइस में Type C चार्जिंग पोर्ट देने लगी हैं।