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मेंटल एक्टिविटी रखेगी ब्रेन को शार्प डॉ. संदीप गोविल मनोचिकित्सक सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

सब केटगॉरी : स्वास्थ्य  Jan,22,2020 12:44:11 PM
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मेंटल एक्टिविटी रखेगी ब्रेन को शार्प  डॉ. संदीप गोविल  मनोचिकित्सक सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल

नई दिल्ली  : दिमाग को चलाते रहना यानी दिमाग के घोड़े दौड़ते रहना बहुत लाभकारी है। चिकित्सा विज्ञानी शोध अध्ययनों के आधार पर यह सिद्ध कर चुके हैं कि जो लोग मेंटली खूब एक्टिव रहते हैं उनका दिमाग चुस्त-दुरुस्त और स्वस्थ रहता है।

जरूरी है ब्रेन की कसरतें :

किताबें पढऩे से लेकर, कोई ज्ञानवर्धक या विचार उत्प्रेरक लेक्चर सुनने, रेडियो का आनंद लेने, कोई खेल खेलने, म्यूजियम की सैर पर जाने, मातृभाषा के अतिरिक्त कोई अन्य भाषा सीखने जैसी अनेक तकनीकें हैं जो दिमाग के व्यायाम के तौर पर अपनाई जा सकती हैं। ऐसे ही कुछ और उपायों में शामिल हैं-

कीजिये कुछ उलट-पलट:

याद कीजिये किस तरह बचपन में आप शब्दों, गीतों या लाइनों को उल्टा करके बोला या गाया करते थे। ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इसी आधार पर कुछ व्यायाम तैयार किये हैं जिन्हेंन्यूरोबिक्सकहा जाता है। ये दिमाग को नए तरीके से सोचने की चुनौती देते हैं। चूंकि मनुष्य की पांचों इन्द्रियां सीखने में अहम भूमिका निभाती हैं, उनका प्रयोग दिमाग को व्यायाम करवाने के लिए भी किया जा सकता है। यदि आप राइट हेंडेंड हैं तो कभी-कभी लेफ्ट हेंड का इस्तेमाल करें, कभी रोजाना के रास्ते की जगह घर जाने के लिए थोड़ा घुमावदार रास्ता चुनें या आंखें बंद करके खाने की चीजों को पहचानने की कोशिश करें। ये सभी एक्सरसाइज दिमाग के लिए शानदार साबित हो सकती हैं।

शारीरिक व्यायाम का लाभ :

विशेषकर ऐसी गतिविधियां जिनसे हृदय गति बढ़े जैसे ब्रिस्क वॉक या स्विमिंग को अपनाएं, ये दिमाग के लिए भी लाभकारी हो सकती हैं। फिजिकल एक्टिविटीज से दिमाग को होने वाली ब्लड सप्लाई में बढ़ोत्तरी होती है और यह दिमाग की कोशिकाओं के बीच जुड़ाव में भी सुधार करती है। एक्टिव रहने से याददाश्त, इमेजिनेशन तथा योजना बनाने की क्षमता में भी इजाफा होता है।

स्वस्थ भोजन:

एक हेल्दी डाइट की भूमिका भी दिमाग को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण होती है। यहां एक खास बात यह है कि यदि आप हृदय को स्वस्थ और वजन को संतुलित रखने वाला भोजन अपनाते हैं, हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर से बचे रहते हैं तो इसका फायदा दिमाग को होता है। शोध बताते हैं कि मिडिल एज वाले मोटे लोगों में डिमेंशिया की आशंका बढ़ जाती है। हेल्दी डाइट अपनाने के लिए भोजन को बटर, घी या क्रीम जैसी चीजों में पकाने की बजाय नट्स, सीड्स और ऑलिव जैसे साधनों से मिलने वाले तेल से पकाएं। भरपूर मात्रा में रंगीन फल और सब्जियां डाइट में शामिल करें।

अल्कोहल पर कसें लगाम:

अल्कोहल की लत अक्सर लोगों के सोचने, निर्णय लेने, बोलने, चलने-फिरने और याददाश्त पर असर करती है। एक बार में जरूरत से अधिक अल्कोहल के सेवन से तक यही स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए शराब के सेवन पर लगाम लगाएं।

बुरे नहीं हैं गेम्स :

वीडियो गेम्स जैसे साधन भी यदि सीमित मात्रा में अपनाएं जाएं तो यह दिमाग

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