Sampreshan News| Home Page

पिछला नवीनीकरण :  Mar, 21, 2024 | 05:26 PM                     ☛ अंग्रेज़ी



    Twitter Email

National Girl Child Day 2020: 257 साल लगेंगे बेटियों हर मोर्च पर बराबर लाने में, पढ़ें- विशेष रिपोर्ट

सब केटगॉरी : देश  Jan,24,2020 01:02:33 PM
| Twitter | | |

National Girl Child Day 2020: 257 साल लगेंगे बेटियों हर मोर्च पर बराबर लाने में, पढ़ें- विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली । राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक तरफ बेटियों को आगे बढ़ाने की बातें हो रही हैं तो दूसरी तरफ महिलाओं से जुड़े अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जब बेटियां बचेंगी ही नहीं तो आगे कैसे बढ़ेंगी। लिंगानुपात अभी भी साम्य को तरस रहा है। प्रतिकूल हालात में भी हमारी बालिकाएं हर क्षेत्र में नाम कमाने को आतुर हैं। हाल ही राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार में अगर 12 लड़के शामिल रहे तो 10 लड़कियों ने भी खुद को शामिल कराया।

इसलिए मनाया जाता है

बच्चियों के गिरते लिंगानुपात के प्रति सजगता के चलते आज के दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसके प्रति समाज में जागरूकता और उनकी शक्तियों के प्रति उन्हीं की सजगता के लिए साल 2008 से इस दिन को अब सरकार की ओर से राष्ट्रीय कन्या विकास मिशन के रूप में मनाया जाता है।

प्रचलित है यह प्रसंग

इसी से जुड़ा एक प्रसंग यह भी है कि इसी दिन इंदिरा गांधी पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थीं। इसलिए आज के दिन उन्हें भी याद किया जाता है।

मनाने का तरीका

देशभर इस दिन को अलग-अलग तरह से मनाता है। सरकारी आयोजन होते हैं और सामाजिक संगठन अपने कार्यक्रम करते हैं। इस दिन सेव गर्ल चाइल्ड के नाम से जगह-जगह अभियान चलाए जाते हैं।

हर साल की अलग थीम

राष्ट्रीय बालिका दिवस को प्रदेश अलग-अलग थीम पर मनाते हैं। प्रदेश की स्थिति और जरूरत के मुताबिक सरकार विषय तय करती है और उसे लेकर आयोजन करती है।

 

इन बिंदुओं पर फोकस

देश में बेटियों के प्रति अलग तरह की मानसिकता ने समाज के साथ-साथ खुद बच्चियों के आत्मविश्वास को चुनौती दी है। उनके मन में असुरक्षा और असुविधा की भावना घर कर गई है। इसी के चलते इस दिन उनके अस्तित्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, सुरक्षा जैसे मुद्दों के प्रति समाज में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

Sampreshan|photo gallery
❱❱फोटो गैलरी