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न्यूरोसाइंस में प्रगति के कारण रक्तस्रावी स्ट्रोक का इलाज हुआ अधिक सुरक्षित और प्रभावी

सब केटगॉरी : सेहत  Feb,01,2020 09:27:17 PM
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�न्यूरोसाइंस में प्रगति के कारण रक्तस्रावी स्ट्रोक का इलाज हुआ अधिक सुरक्षित और प्रभावी

कानपुर: रक्तस्रावी स्ट्रोक एक ऐसी परेशानी है जिसको लेकर लापरवाही दिखाना काफी भारी पड़ सकता है इसलिए इसकी तुरंत जांच कराना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। रोगी की नैदानिक ​​स्थिति और खून के बहाव के कारण के आधार पर, समय पर किया गया उपचार न केवल मृत्यु दर को रोकने में मदद कर सकता है बल्कि रोगी को सामान्य और बेहतर जीवन जीने में भी साहयक होता है।

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट और हेड, डॉक्टर चंद्रिल चुघ का कहना है कि, "रक्तस्रावी स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति को बनाता है, जहां डैमेज्ड बल्ड वेसल मस्तिष्क में खून का रिसाव करती हैं। इसे इंट्रासेरेब्रल (मस्तिष्क में रक्त का बहाव) और सबरचानॉइड (मस्तिष्क के ऊतकों के आसपास रक्त का बहाव) के रूप में जाना जाता है। रक्तस्राव के विभिन्न कारणों में एन्यूरिज्म, आर्टेरियो वेनस मालफॉर्मेशन (एवीएम), ट्यूमर, फिस्टुला और अन्य रक्तचाप संबंधी बीमारियां शामिल हैं। पिछले एक दशक में परम्परागत न्यूरोलॉजी तकनीक काफी विकसित हुई है और नए उपकरणों के आने के साथ एन्यूरिज्म और एवीएम का उपचार पहले से ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी हो गया है। न्यूनतम इनवेसिव, न्यूरोलॉजिकल प्रक्रियाओं के इस युग में मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी उपचार के तरीके प्रदान करते हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ जल्दी घर जा सकें।

अक्सर देखा गया है कि बहुत से स्वस्थ व्यक्तियों की सोते समय अचानक मृत्यु हो जाती है, जिसे लोग आत्महत्या समझ बैठते हैं। लेकिन इसका कारण ब्रेन ब्लीडिंग को माना जा सकता है। मस्तिष्क में खून के बहाव के कारण धमनीविस्फार के टूटने से दुनिया भर में सालाना लगभग 5-6 लाख लोगों की मृत्यु होती है। 50% से अधिक पीड़ित 50 वर्ष से कम उम्र के पाए जाते हैं और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऐसे मामलों के विकास का जोखिम दो गुना अधिक होता है। धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर और मस्तिष्क धमनीविस्फार का पारिवारिक इतिहास एक महिला में इस घातक समस्या के जोखिम को और बढ़ाता है।

डॉक्टर चंद्रिल चुघ ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, आज मिनिमली इनवेसिव अप्रोच उपलब्ध है जिसमें एक न्यूरोएन्थेवेंशनिस्ट ओपन सर्जरी के बजाए पैर के ब्लड वेसल से एंडोवास्कुलर साधनों द्वारा एन्यूरिज्म का इलाज करता है। एक माइक्रोकैथेटर्स (एक बहुत पतली ट्यूब) को पैर के ब्लड वेसल के माध्यम से मस्तिष्क धमनीविस्फार में रखा जाता है, जिसमें बाद में विशेष कॉइल का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को कोइलिंग के रूप में जाना जाता है जो मस्तिष्क को स्वस्थ करता है और इसके परिणाम भी बेहतर होते हैं।

सभी एन्यूरिज्म में लगभग आधे एन्यूरिज्म टूट जाते हैं और अक्सर इनके टूटने से ही इस गंभीर समस्या का पता चल पाता है। अचानक से जब सिर में फटने वाला दर्द होने लगता है, जिसे  अक्सर "रोगी के जीवन का सबसे खराब सिरदर्द" के रूप में वर्णित किया जाता है, ये एक धमनीविस्फार का कार्डिनल लक्षण है। लेकिन कई लोग सालों तक नहीं जान पाते हैं कि वे किस समस्या के साथ घूम रहे हैं। कई कारक धमनी की दीवार को कमजोर करते हैं और मस्तिष्क धमनीविस्फार के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ब्रेन एन्यूरिज्म बच्चों की तुलना में एडल्ट्स में आम है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आम है। इनमें से कुछ जोखिम के कारक समय के साथ विकसित होते हैं और कुछ जन्म के समय से ही मौजूद होते हैं।

 

 

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