मुरादाबाद: न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में प्रगति के साथ, मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया की
मदद से आज सबसे मुश्किल मामलों में भी सर्जरी करना आसाना हो गया है।
इलाज के नवीन और एडवांस विकल्पों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए
भारत के लीडिंग हेल्थकेयर प्रोवाइडर, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली ने आज
एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में कई स्पाइनल मरीजों के बारे में
चर्चा की गई, जहां स्पाइन संबंधी गंभीर समस्या के बाद भी आज वे इलाज के इन एडवांस
विकल्पों का फायदा उठाकर एक खुशहाल जीवन बिता रहे हैं।
वैशाली स्थित, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के न्यूरो
सर्जरी निदेशक, डॉक्टर मनीष वैश्य ने बताया कि, “हालांकि, कई मरीज ओपन व परंपरागत सर्जरी
की मुश्किलों से घबराते हैं, लेकिन हालिया उन्नत के साथ, आज स्पाइनल सर्जरी मिनिमली
इनवेसिव होने के साथ 100% सुरक्षित हो गई है। इस प्रक्रिया
में खून का बहाव न के बराबर होता है और रिकवरी भी तेज गति से होती है। कीहोल सर्जरी
में माइक्रो-एंडोस्कोपिक डिकम्प्रेशन सर्जरी शामिल है, जहां मात्र 1.5 से 2 सेंटीमीटर
के चीरे से ही काम बन जाता है, जिसके कारण शरीर पर किसी प्रकार के कोई घाव नहीं
पड़ते हैं। इसमें हड्डियों या मांसपेशियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं
पहुंचता है और मरीज सर्जरी के बाद जल्दी रिकवर करता है।”
इस सेशन में उन मरीजों के बारे में भी बात की गई, जिन्होंने एक बेहतर जीवन
के लिए स्पाइन सर्जरी का सहारा लिया। इस अवसर पर, 42 साल की पूजा गगनेजा, 64 साल
के राम सिंह और 43 साल के अमित गुप्ता उपस्थित थे।
पूजा की पीठ के निचले हिस्से में गंभीर दर्द की शिकायत थी, जो हाथों से
होते हुए दोनों घुटनों तक पहुंच जाता था। 2 सालों तक समस्या से परेशान रहने के बाद
एमआरआई टेस्ट कराने के बाद मरीज की पीठ में 8 कमजोर हिस्से पाए गए, जिसके बाद
उन्हें कीहोल डिकम्प्रेशन सर्जरी कराने की सलाह दी गई। सर्जरी के डर से वे एक साल से
दर्द को बर्दाश्त करती आ रही थीं, लेकिन जब उन्हें मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के बारे
में पता चला तो वो इसके लिए तुरंत तैयार हो गईं। आज पूजा अपने सामान्य जीवन में
वापस लौट चुकी हैं। 64 साल के राम सिंह का भी कुछ ऐसा ही मामला था, जिन्होंने 5
सालों तक दर्द को बर्दाश्त करने के बाद हाल ही में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी कराई थी।
अमित गुप्ता को पीआईवीडी के साथ चरण 2 का स्पॉन्डिलाइटिस था, जिसके कारण
उनकी पीठ में गंभीर दर्द होने के साथ उनका बायां हाथ सुन्न पड़ चुका था। जांच के
बाद पता चला कि उनके वर्टिब्रे की नस में कसाव था, जिसके कारण उन्हें दर्द का
अनुभव हो रहा था। जांच के बाद उन्हें स्पाइनल फ्युज़न सर्जरी की सलाह दी गई, जिसके
बाद आज वे एक बेहतर जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
डॉक्टर मनीष वैश्य ने आगे बताया कि, “अमित नाम के मरीज को एडवांस स्पाइनल फ्युजन सर्जरी की मदद से सफलतापूर्वक
ठीक किया गया। इस सर्जरी का नाम ट्रांसफॉरेमिनल लंबर इंटरबॉडी फ्युजन (टीएलआईएफ) सर्जरी
है, जिसमें इमेजिंग गाइडेंस की मदद से ऑपरेशन की जगह को बेहतर तरीके से देखा जा
सकता है। इस प्रकार की सर्जरी की मदद से स्पॉन्डिलाइटिस, डिस्क हर्निएशन या
पीआईवीडी की समस्या में दर्द और नसों में गड़बड़ी को कम करने में सहायता मिलती है।
चूंकि, इस प्रक्रिया में निवारक और सुरक्षित तरीके शामिल हैं, जिससे यह तकनीक सबसे
अच्छी और सुरक्षित सर्जरीज़ में से एक है। इसमें रीढ़ को किसी प्रकार का कोई
नुकसान नहीं पहुंचता है।”
न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में प्रगति के साथ, मस्तिष्क और स्पाइनल सर्जरी
के बाद की गुणवत्ता में सुधार आया है, जिनके परिणाम भी बेहतर होते हैं।
मैक्स हेल्थकेयर के बारे में
मैक्स हेल्थ केयर (एमएचसी) देश की अग्रणी, व्यापक और अंतराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सेवा
प्रदाता है। यह अच्छी मेडिकल सुविधाओं, रोगी देखभाग, विज्ञान और चिकित्सा शिक्षा के बेहतर स्तर का पूरा
ख्याल रखता है।
उत्तर
भारत में मैक्स हेल्थ केयर के 14 अस्पताल
हैं, जो 30 से अधिक
जगहों पर सेवाएं प्रदान करते हैं। इनमें से 11 अस्पताल
दिल्ली और एनसीआर में उपलब्ध
हैं और अन्य अस्पताल मोहाली, बठिंडा और देहरादून में उपलब्ध हैं। मैक्स अस्पताल
की विषेश सेवाएं साकेत, पटपड़गंज, वैशाली, शालीमार बाग, मोहाली, बठिंडा और देहरादून में उपलब्ध हैं और माध्यमिक देखभाल वाले अस्पताल गुड़गांव, पीतमपुरा, नोएडा
और ग्रेटर नोएडा और पंचशील पार्क में स्थित हैं।