मोटापा
एक
मेडिकल
कंडीशन
है,
जिसमें
शरीर
पर
वसा
की
परतें
इतनी
मात्रा
में
जम
जाती
हैं
कि
ये
स्वास्थ्य
के
लिए
हानिकारक
हो
जाती
हैं।
पूरी
दुनिया
में
मोटापा
एक
महामारी
की
तरह
फैल
रहा
है।
आज
दुनिया
की
कम
से
कम
20 प्रतिशत
आबादी
मोटापे
से
ग्रस्त
है।
मोटापे
को
बीमारी
नहीं
माना
जाता
लेकिन
माना
जाता
है
कि
यह
53 बीमारियों
की
वजह
बन
सकता
है।
दुर्घटनाओं
और
पोलियो
के
कारण
होने
वाली
शारीरिक
निष्क्रियता
मोटापा
बढऩे
का
कारण
बनती
है।
पोलियो
एक
जीवनभर
चलने
वाली
बीमारी
है
और
जो
लोग
इससे
पीडि़त
हैं,
उन्हें
जीवन
में
कईं
कठिनाईयों
का
सामना
करना
पड़ता
है,
इसमें
से
एक
मोटापा
भी
है।
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
के
अनुसार
पूरे
विश्व
में
20 करोड़
लोगों
की
विकलांगता
का
कारण
पोलियो
है।
कईं
लोग
दुर्घटनाओं
में
अपने
पैर
गंवा
देते
हैं
या
किसी
और
प्रकार
से
शारीरिक
विकलांगता
के
शिकार
हो
जाते
हैं।
ये
रोगी
चल
नहीं
सकते
या
वर्कआउट
नहीं
कर
सकते
इसलिए
मोटापे
की
आशंका
कईं
गुना
बढ़
जाती
है
जिसके
कारण
हाइपरटेंशन,
अनिद्रा,
स्ट्रोक
और
आर्गेन
फेलियर
इत्यादि
की
आशंका
बढ़
जाती
है।
नई
दिल्ली
स्थित
अपोलो
स्पेक्टृा
हास्पिटल्स
के
चीफ बैरिएट्रिक
सर्जन
डा.आशिष
भनोत
का
कहना
है
कि
वेट-लॉस
सर्जरियों
को
सामुहिक
रूप
से
बैरियाटिक
सर्जरी
कहते
हैं।
इसमें
से
गैस्ट्रिक
बायपास
सर्जरी
सबसे
अधिक
प्रचलित
है।
सर्जन
भी
गैसट्रिक
बायपास
सर्जरी
को
प्राथमिकता
देते
हैं
क्यों
कि
इसमें
है
दूसरी
वेट
लॉस
सर्जरियों
की
तुलना
में
जटिलताएं
कम
होती
हैं।
इसके
अलावा
स्लीव
गैस्ट्रेकटोमी भी
काफी
प्रचलित
है।
डा.आशिष भनोत का कहना है कि गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी का उद्देश्य केवल मोटापा कम करना नहीं बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारना और जीवनकाल बढ़ाना होता है। यह सर्जरी लैप्रोस्कोपिक तकनीक के द्वारा की जाती है। इसमें