बच्चे को
जन्म
देना
एक
कठिन
शारीरिक
प्रक्रिया
है।
गर्भावस्था
के
दौरान
महिला
के
शरीर
में
कई
परिवर्तन
होते
हैं।
इसी
तरह
प्रसव
के
बाद
भी
कई
बदलाव
आते
हैं,
जैसे
शरीर
काफी
कमजोर
हो
जाता
है
और
काफी
दिनों
तक
बॉडी
में
कई
परिवर्तन
होते
रहते
है।
इस
दौरान
आपके
शरीर
और
दिनचर्या,
दोनों
में
परिवर्तन
आ
जाता
है।
स्वास्थ्य,
खाना
खाने
की
स्थिति
और
थकान
का
स्तर
बढ़
जाता
है।
किसी भी औरत
की
जिन्दगी
में
प्रसव
सबसे
अच्छा
पल
होता
है।
आप
किसी
नन्हे
बच्चे
को
जन्म
देने
के
बाद
मानसिक
रूप
से
स्वस्थ
हो
जाती
है,
लेकिन
शारीरिक
रूप
से
काफी
कमजोर
हो
जाती
है।
इस
दौरान
महिलाओं
की
योनि
में
परिवर्तन
होता
है,
उन्हे
पेशाब
में
कई
दिक्कतें
हो
सकती
है।
जब
आप
मां
बनने
वाली
होती
है
तो
आपकी
बॉडी
में
कई
चेजेंस
आते
है
पर
ये
चेंजेस
डिलीवरी
के
बाद
खत्म
नहीं
हो
जाते
है
बल्कि
होते
ही
रहते
है।
प्रसव
के
बाद
आपको
अपने
आप
पर
विशेष
ध्यान
देने
की
आवश्यकता
होती
है।
खासतौर
से
पहले
सप्ताह
में,
इसीलिए
इसे
परिवर्तनों
का
सप्ताह
कहना
गलत
नहीं
होगा।
पहले सप्ताह
में
मां
के
शरीर
में
होने
वाले
परिवर्तन:-
·
युटेरस
में
दर्द
महसूस
हो
सकता
है,
खासकर
स्तनपान
कराने
पर
यह
दर्द
शुरू
हो
सकता
है,
क्योंकि
इससे
युटेरस
सिकुडऩे
लगता
है।
स्तनों
में
दर्द
भी
महसूस
हो
सकता
है।
·
प्रसव
के
दूसरे
या
तीसरे
दिन
से
स्तनों
का
आकार
बढऩे
लगता
है,
जो
थोड़ा
असुविधाजनक
हो
सकता
है।
पेट
मुलायम
लगता
है।
· कई महिलाएं प्रसव के बाद कुछ दिनों तक काफी रुआंसा महसूस करती हैं। ऐसा हारमोन के स्तर में परिवर्तन के कारण होता है और यह प्रसव के पहले के अवसाद से