प्रदूषण चाहे हवा का हो, पानी का हो या जमीन का हो, रोगों का जन्मदाता होता है. क्योंकि यह प्रकृति के नियमों में परिवर्तन करता है, प्रकृति के क्रियाकलाप में बाधा डालता है. प्रदूषण हवाए पानी, मिट्टी, रासायनिक पदार्थ, शोर या ऊर्जा किसी रूप में भी हो सकता है. इन सभी तत्वों का हमारे पारिस्थितिकी तंत्र पर बुरा असर पड़ता है, जिसका प्रभाव मनुष्य के साथ ही जानवरों और पेड़ पौधों पर भी पड़ता है. बच्चे और बुजुर्ग ज्यादा संवेदनशील होते हैं और इन जहरीले तत्वों का असर उन पर सबसे अधिक पड़ता है. प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं जैसे वायु प्रदूषण, एयर पाल्युशन, जल प्रदूषण, वाटर पॉल्युशन, मिट्टी का प्रदूषण, सॉइल पॉल्युशन और ध्वनि प्रदूषण, साउंड, पॉल्युशन और इनसे कई प्रकार की खतरनाक बीमारियां और एलर्जी भी होती है, जिनमें से प्रमुख हैं.
एयर पॉल्युशन, वायु प्रदूषण से होने वाले रोग और एलर्जी
वायु प्रदूषण में सॉलिड पार्टिकल्स और गैसेस शामिल होती हैं. दरअसल एयर पाल्युटेंट हमारे शरीर में रेस्पीरेटरी ट्रैक्ट, श्वांस नली और लंग्स द्वारा प्रवेश करता है और इन्हें हमारी रक्त वाहिकाएं सोख लेती हैं, जो प्रभावााली रूप से शरीर के अन्य अंगों तक सर्कुलेट हो जाता है. वायु प्रदूषण कई रोगों का कारण बनता है जिसकी शुरुआत एलर्जी के रूप में आंखए नाक, मुंह और गले में साधारण खुजली या एनर्जी लेवल का कम होना, सिरदर्द आदि से हो सकता है लेकिन इससे भी गंभीर समस्याएं होती हैं जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं.
रेस्पेरेटरी और लंग डिजीज.
जिसके अन्तर्गत अस्थमा अटैक, क्रोनिक, ऑब्सट्रैक्टिव पुल्मोनरी डिजीज ‘सीओपीडी’ लंग्स का कम काम करना, पुल्मोनरी कैंसर जो लगातार कार्सीनोजेन केमिकल्स में सांस लेने से होता है, एक खास तरह का लंग कैंसर मेसोथेलिओमा जिसका संबंध आमतौर पर एस्बेस्टोस की चपेट में आने से है, आमतौर पर इसकी चपेट में आने के 20.30 साल बाद यह नजर आता है ‘ निमोनिया’ ब्राोंकाइटिसए ल्युुकेमिया एक प्रकार का ब्लड कैंसर है.
कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक. सैकेंड हैंड स्मोक के बारे में देखा गया है कि यह ह्रदय रोग को बढ़ाता है और कार्बनमोनो ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड भी इसमें सहयोग देते हैं. वायु प्रदूषण को ह्रदय रोग का एक प्रमुख कारण माना जाता है क्योंकि एयर पॉल्युटेंट लंग्स में प्रवेश करते हैं और रक्त वाहिकाओं में घुल जाते हैं जो इंफ्लेमेशन का कारण बनते हैं और ह्रदय की गति को बढ़ाते हैं. ब्राोंकाइटिस अस्थमा और लंग्स और सांस की एलर्जी का कारण बनते हैं. न्यूरोबिहेवियरल ‘शारीरिक और मानसिक’ डिसऑर्डर. वायु में उपस्थित विषाक्त तत्व जैसे मरकरी आदि