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रोके जा सकने वाले दृष्टि दोषों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बाइकर रैली आयोजित

सब केटगॉरी : स्वास्थ्य  Mar,02,2020 03:49:12 PM
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रोके जा सकने वाले दृष्टि दोषों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बाइकर रैली आयोजित

नई दिल्ली, 1 मार्च 2020: हाल के दिनों में आंखों की रौशनी से जुड़ी समस्याएं बढ़ी हैं और ये समस्याएं सभी उम्र के लोगों में बढ़ी है। आज हर व्यक्ति कोई न कोई बीमारी से ग्रस्त होता है। यहां तक कि भारतीय युवा भी आंखों की इन बीमारियों से अछूते नहीं हैं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि आज काफी लोग वैसे दृष्टि दोषों से ग्रस्त हैं जिन्हें रोका जा सकता है। अगर समय पर उपचार किया जाए तो दृष्टि दोषों के कारण होने वाली नेत्रअंधता को रोका जा सकता है। रोकी जा सकने वाली नेत्र अंधता को रोकने में आधुनिक तकनीकों के उपयोग के बारे में जागरूकता कायम करने के लिए भारत के सबसे बड़े आई केयर हाॅस्पिटल - सेंटर फार साइट ने रोक्को राइडर्ज के सहयोग से आज 20 किलोमीटर लंबी बाइकाथन का आयोजन किया।

बाइकर की रैली को सफदरजंग एन्क्लेव से रवाना किया गया, जिसमें 300 से अधिक बाइकर्स का विशाल जमावड़ा देखा गया। इन बाइकरों ने आंखों की सेहत के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए रैली में हिस्सा लिया। यह रैली नई दिल्ली के द्वारका स्थित सेंटर फाॅर साइट नेत्र संस्थान तक आकर समाप्त हो गई। इस रैली के बाद नुक्कड़ नाटक का आयोजन हुआ जिसमें लोगों से हर साल आंखों की जांच कराकर अपने आंखों की सेहत की रक्षा करने का आह्वान किया गया।

नई दिल्ली के सेंटर फार साइट ग्रुप ऑफ़ हाॅस्पिटल्स के अध्यक्ष डाॅ. महिपाल सिंह सचदेव ने कहा, ‘‘लोगों की बदलती जीवन शैली तथा सभी उम्र के लोगों द्वारा डिजिटल स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग के कारण वैसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो मामूली से लेकर गंभीर दृष्टि दोषों से पीड़ित हैं। हालांकि इन समस्याओं को रोका जा सकता है या समय से उपचार कराकर इन्हें ठीक किया जा सकता है। अक्सर लोग धुंधली दृष्टि, अगल-बगल की चीजों के नहीं दिखने, आंखों में सूखापन या आंखों से पानी आने जैसी समस्याओं की अनदेखी करते हैं। समय पर इन समस्याओं का उपचार नहीं होने पर ये समस्याएं नेत्र अंधता का कारण बन सकती हैं। 

डाॅ. महिपाल ने कहा, ‘‘मोतियाबिंद और रिफ्रेक्टिव दोष हमारे देश में सबसे अधिक आम समस्या है और ये नेत्र अंधता के वैसे कारण हैं जिन्हें आसानी से रोका जा सकता है। काॅर्नियल ब्लाइंडनेस के बारे में भी जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। कार्निया दान करना दुनिया का सबसे अच्छा काम है। भारत में सबसे अधिक काॅर्निया प्रत्यारोपण की जरूरत है। बदलती तकनीक के साथ उपचार के परिणामों में सुधार हुआ है लेकिन एकमात्र चुनौती इसे सभी के लिए सुलभ बनाना है।’’

कारपोरेट सोशल रिस्पान्सिबिलिटी के प्रति प्रतिबद्धता के तौर पर सेंटर फाॅर साइट ग्रुप ऑफ़  हाॅस्पिटल्स नेत्र स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कई वाकाथन, बाइकाथन और अन्य जागरूकता गतिविधियों का आयोजन करता है।

बाइकर रोक्को राइडर्ज के ने कहा, ‘‘हम सेंटर फाॅर साइट ग्रुप ऑफ़ हाॅस्पिटल्स की ओर से की गई इस नेक पहल का हिस्सा बनकर खुश हैं। इस तरह की पहल वास्तव में जागरूकता पैदा करती है, लोगों को जोड़ती है और लोगों को आंखों से संबंधित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित और समय पर स्क्रीनिंग के महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित करती है।’’


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