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आई ए एस- समय का सदुपयोग और उसका उचित प्रबंधन जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक सक्सेस गुरु ए. के. मिश्रा

सब केटगॉरी : शिक्षा  Mar,03,2020 12:18:54 PM
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आई ए एस-  समय का सदुपयोग और उसका उचित प्रबंधन जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक  सक्सेस गुरु ए. के. मिश्रा

प्राय: समय की तुलना धन से की जाती है. धन का इस्तेमाल तीन तरीके से किया जा सकता है-पहला, उसे निवेश किया जाए, दूसरा उसको खर्च किया जाए, और तीसरा, उसे बर्बाद किया जाए. हम अपने जीवन में धन खर्च करके अपने लिए सुविधाएं एकत्रित करते हैं और उनके इस्तेमाल से हमें खुशी मिलती है. लेकिन कोई भी व्यक्ति अपने धन का बेहतर इस्तेमाल तभी कर पाता है जब उसे वह इंवेस्ट करे, क्यों कि तभी वह भविष्य में उसे बेहतर तरीके से खर्च करने की स्थिति में होता है. इसके विपरीत यदि कोई धन को बर्बाद करता है तो भविष्य में खर्च करने के लिए उसके पास धन का अभाव हो जाता है. समय के साथ भी न धन जैसी शर्ते लागू होती हैं. इस लिए यदि भविष्य में समृद्धि, प्रसिद्धि और कामयाबी हासिल करनी है, तो धन की भांति समय को इंवेस्ट करना आवश्यक है. लेकिन इंवेस्ट करते समय सावधानी बरतनी जरूरी है. ऐसा इस लिए कि कहीं इंवेस्टमेंट गलत दिशा में और गलत क्षेत्र में न हो जाए. जब इंवेस्टमेंट गलत दिशा में होगा, तो अपेक्षा के मुताबिक रिटर्न नहीं मिलेगा. अत: समय का उचित इंवेस्टमेंट करें ताकि भविष्य में उसका रिटर्न सुखद हो.

समय प्रबंधन एक कला है, जिसको समझने से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि व्यक्ति अपने अमूल्य समय की बर्बादी किस प्रकार करता है. समय बर्बादी के प्रमुख कारक इस प्रकार से हैं-कार्यों की सही सूची व प्राथमिकता का निर्धारित न होना, एक ही समय में बहुत से कार्यो को निपटाने की कोशिश करना, अनियंत्रित टेलीफोन कॉल में व्यस्त रहना, डायरी का प्रयोग न करना, मित्रों से बगैर किसी पूर्व निश्चित प्रोग्राम के मुलाकात करना, कार्यों को टालने की प्रवृत्ति होना और ‘न कहने’ की आदत का विकास न होना.

समय के उचित प्रबंधन के लिए सबसे पहले ‘हम क्या करें’ की स्पष्ट पहचान करनी होगी. इसके अतिरिक्त स्वयं की क्षमता की पहचान के साथ-साथ ऊर्जा चक्र का ज्ञान आवश्यक है. अपने लक्ष्य को अपने सामने रखें. दैनंदिन कार्यों की प्राथमिकता का निर्धारण करें और एक कार्य को एक ही समय में करें. ऐसी तकनीक का प्रयोग करें जो आप के कार्य को सरल बनाए. अपना राइटिंग पैड सदैव अपने पास रखें तथा अतिआवश्यक एवं आवश्यक कार्यों के मध्य स्पष्ट विभेद करते हुए उसकी सूची बना लें. संतुलित कार्य योजना बनाएं. अपनी कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए कुछ खाली समय बचा कर रखें और हमेशा ‘हां’ कहने की आदत से बचें. कुछ समय अपने को प्रतिदिन व्यवस्थित करने के लिए भी दें तथा अपने नजदीकी व दूरस्थ लक्ष्य के विषय में स्पष्ट रहे. एक-एक पल का सदुपयोग करें. यदि हम एक-एक पल को साधन का दीप बना सकें, तो हमारा जीवन मंगलमय हो सकता है और हम किसी भी लक्ष्य को सरलता के साथ भेद सकते हैं


-सक्सेस गुरु ए. के. मिश्रा निदेशक, चाणक्य आई ए एस एकेडमी


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