Sampreshan News| Home Page

पिछला नवीनीकरण :  Mar, 21, 2024 | 05:26 PM                     ☛ अंग्रेज़ी



    Twitter Email

चार प्रकार की खंडित मन:स्थिति मानी जाती है

सब केटगॉरी : सेहत  Mar,03,2020 12:42:01 PM
| Twitter | | |

�चार प्रकार की खंडित मन:स्थिति मानी जाती है

चार प्रकार की खंडित मन:स्थिति मानी जाती है 1.साधारण 2.हेबीफे्रनिक 3.कैटाटॉनिक 4. पैरानायड

साधारण :

इसी वर्गीकरण के दो आधार माने जाते हैं एक तो वह है कि जब व्यक्ति में यह स्थिति धीरे-धीरे पनपती है और दूसरी जो वातावरण के दबाव या ऐसे ही किसी कारण से पैदा होती है.वर्गीकरण की पद्घति कोई भी हो,खंडित मन: स्थिति का शिकार किसी भी आयु का व्यक्ति हो सकता है.इस स्थिति के शिकार व्यक्तियों को किसी भी चीज में रूचि नहीं रहती.

हेबी फ्रेनिक खंडित मन:

स्थिति यानी बिगड़ा हुआ पागलपन: यह स्थिति व्यक्ति के अंदर से ही पनपती है. कोई बाहरी हालात या परिस्थिति का प्रभाव उस पर नहीं होता. ऐसे व्यक्ति एकाकी नहीं होते. अपनी भावनाओं को दबा कर नहीं रखते. भावनाओं की अभिव्यक्ति पूरे तौर पर करते हैं-हंसते हैं,रोते हैं.

कैटेटॉनिक खंडित मन:

स्थिति-इसमें हाथ-पांव चलना बंद हो जाते हैं  :इस के शिकार व्यक्ति को ऐसा माना जाता है,घंटों,दिनों बल्कि महीनों में भी एक ही ढंग से बैठकर शून्य में ताकते रह सकते हैं और खाने को पूछा गया तो हो सकता है भयंकर रूप धारण कर लें.उस स्थिति में अगर वे कोई हरकत कर रहे होते हैं तो उसे बार-बार दोहराते रहते है.

पैरानायड खंडित मन:

स्थिति यानी शक की बीमारी: सबसे पहले सामान्य और साफ स्थिति है,इस स्थिति में व्यक्ति ऊंची-ऊंची बातें करना है और ऐसे ढंग से जैसे वास्तव में वे सच हों,कभी स्वयं को राजा या कुछ भी समझ वैठता है और उसी अंदाज में बातें करता है.कभी उसे लगता है जैसे भूत-प्रेत उसको घोंट रहे हैं.

मनोचिकित्सक की सलाह:-

बातों को मन में दबा कर न रखें. यदि आपको कोई बुरी खबर मिली है या जीवन में कोई विशेष घटना घटी है तो उसे अपने करीबी लोगों के साथ जरूर बांटे. परेशान हो तो अपने कमरे से बाहर खुले वातवरण में निकल जायें.वातावरण बदलने से आपको आराम जरूर मिलेगा. संतुलित और स्वास्थ्यकर आहार लें. बासी और ज्यादा मसालेदार भोजन से परहेज करें. हल्का और मधुुर संगीत का सहारा लें, ज्यादा मानसिक दबाव होने पर मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक या सलाहकार से संपर्क करें.

मनोचिकित्सा उपचार

व्यक्तिगत सलाह, सामूहिक चिकित्सा, मनोविलेषण, इत्यादि मनोचिकित्सा उपचार में शामिल है. इसके बाद चिकित्सा का इस्तेमाल गंभीर रूप से मानसिक दबाव से ग्रस्त लोगों के लिये किया जाता है. यह 3-4 हफ्तों में राहत पहुंचाता है. इन दवाइयों में एंटिडिप्रेसंट भी शामिल है. ऐसे मानसिक रोगों का इलाज संभव है. उनके उपचार के लिये वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है. सामाजिक और स्वयं सेवी संस्थायें विशेष रूचि लेकर इस समस्या के निदान में सहयोग दे सकती हैं.

  -डा. गौरव गुप्ता, मनोचिकित्सक,तुलसी हेल्थ केयर, नई दिल्ली

Sampreshan|photo gallery
❱❱फोटो गैलरी