अधिकांश देखा गया है कि होली के बाद अस्पतालों में स्किन और आंख की समस्याओं से ग्रस्त मरीजों की भीड़ लग जाती है। आंख शरीर का बेहद संवेदनशील हिस्सा होती हैं। यदि कोई भी रसायन आंख में चला जाए तो आंखों को परेशानी होनी शुरू हो जाती है। अगर यह समस्या दो चार दिनों में ठीक न हो तो डाक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है। आंखों से संबंधित किसी भी समस्या को ज्यादा दिन तक नजरांदाज नहीं करना चाहिए, यदि ऐसा है, तो तुरंत डाक्टर से मिलें। होली पर होने आंखों में होने वाली समस्याएं-संक्रमण कंजक्टिवाइटिस, केमिकल बर्न, कोर्नियल एब्रेशन, आंखों में चोट, ब्लंट आई इंज्यूरी आदि। नई दिल्ली स्थित सेन्टर फॉर साइट के निदेशक डॉ.महिपाल एस सचदेव का कहना है कि रंगों में ऐसे छोटे-छोटे सीसा के कण मौजूद होते हैं, जो कि यदि आंखों में चले जाएं तो कोर्निया को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कोर्नियल एब्रेशन ऐसी ही एक एमरजेंसी होती है, जहां आंखों से निरंतर पानी गिरता रहता है और दर्द भी बना रहता है। यदि ध्यान न दिया जाए तो आंखों में संक्रमण या अल्सर हो सकता है। होली पर गुब्बारों के इस्तेमाल से आंख में अंदरूनी रक्तस्राव हो सकता है या किसी प्रकार की भी चोट लग सकती है। जिससे आंख में से खून आ सकता है, लेंस सब्लुक्सेशन, मैक्युलर एडीमा और रेटिनल डिटैचमेंट आदि समस्याएं हो सकती हैं। इनसे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। डॉ.महिपाल एस सचदेव का कहना है कि कुछ ध्यान देने योग्य बातेें-
सबको सिंथेटक रंगों के स्थान
पर घर पर बने रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए।
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गुब्बारों का तो कतई इस्तेमाल
नहीं करना चाहिए।
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यदि आंख में रंग चला जाए तो
तुरंत पानी के छींटे मारने चाहिए।
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अपनी आंखों को बचाकर रखें।
कोई आप के पास रंग लगाने आए तो अपनी आंखों को पहले बचाने का प्रयास करें।
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आंखों में चश्मा पहनें जिससे कि खतरनाक
रंगों के रसायन से आप की आंखें बच सकें।
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बालों पर कोई बड़ी सी टोपी
या हैट लगाएं, जिससे आप के बाल केमिकल डाई के दुष्प्रभाव को झेल सकें।
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नहाते समय और रंगों को निकालते समय आंखों
को अच्छी तरह से बंद कर लें, ताकि पानी के साथ बहता हुआ रंग आप की आंखों में प्रवेश न कर सके।
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यदि आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपनी गाड़ी
के दरवाजे अच्छी तरह से बंद करके रखें। जहां तक हो सके उस दिन कहीं भी ट्रैवलिंग करने
का प्लान न ही बनाएं।
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घर पर खुद ही रंगों को बनाएं और उन्हीं
का इस्तेमाल करें। बाहर के खरीदे हुए रंगों को इस्तेमाल न ही करें तो ही अच्छा है।
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बच्चों को गुब्बारों से खेलने के लिए उत्साहित
न करें क्यों कि गुब्बारें कभी भी किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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अपने रंग लगे हाथों को आंखों
के पास न ले जाएं। हाथ धोने के बाद ही आंखों को छुएं. आंखों को मसलने या रगड़ने की गलती
भी न करें।
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ऐसे लोगों से बचने का प्रयास
करें, जो कि हाथों से आप के चेहरे
पर रंग लगाने आएं। यदि कोई रंग लगाने आए तो आप आंखों और होंठों को बंद कर लें कि रंग
आप के मुंह या आंखों में न जा पाए, होली खेलने से पहले चेहरे पर कोल्ड क्रीम की एक मोटी परत लगाएं ताकि रंग लगने के
बाद जब आप अपना चेहरा धोएंगे तो रंग आसानी से निकल जाएगा।
डॉ.महिपाल एस सचदेव के अनुसार
होली के बाद अगर आप को आंखों में हल्की असहजता महसूस हो रही हो तो रुई के फाहे पर गुलाबजल
छिड़कर आंखों पर थोड़ी देर के लिए रखें। इससे आप को थकी हुई आंखों से आराम मिलेगा। यदि
आंखों में रंग चला जाए और आंखों में जलन, सूजन या दर्द हो तो साधारण साफ पानी से आंखें धोएं। थोड़ी देर देखें, फिर ऐसे हालातों में किसी
बात का इंतजार न करें कि आंखों को किसी प्रकार का खतरा हो जाए, तुरंत किसी अच्छे नेत्र रोग
विशेषज्ञ से अवश्य संपर्क करें।
-डॉ.महिपाल एस सचदेव