डेंगू एक जानलेवा बुखार, बचाव है जरूरी
सब केटगॉरी : सेहत
Sep,18,2020 05:22:00 PM
डेंगू एक प्रकार का फैलने वाला संक्रमण है, जो मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। दरअसल, ये आम मच्छरों की तरह केवल रात को ही नहीं काटते बल्कि दिन में भी काटते हैं। डेंगू बुखार कोई आम बुखार नहीं जबकी यह एक घातक समस्या है। डेंगू बुखार का सही समय पर इलाज न करने पर व्यक्ति की जान तक जा सकती है। आमतौर पर डेंगू, मॉनसून यानी कि बारिश के मौसम और ज्यादा उमस वाले वातावरण में ज्यादा होता है क्योंकि एडीज मच्छर स्थिर पानी में ही पलता बढ़ता है। दुर्भाग्य से इस मच्छर को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है। गर्म से गर्म माहौल में भी यह जिंदा रह सकता है। इसके अंडे आंखों से दिखते भी नहीं हैं, जिसके कारण इसे मार पाना आसान नहीं है। पानी के संपर्क में आते ही अंडा लार्वा में बदल जाता है और फिर अडल्ट मच्छर बन जाता है।
डेंगू बुखार के लक्षण
अचानक बहुत तेज बुखार होना, कंपकंपी, गंभीर सिरदर्द, शारीरिक दर्द, भूख न लगना, त्वचा पर चकत्तेे पड़ना, थकान, बेवजह वजन कम होना, जी मिचलाना।
भारत में डेंगू की स्थिति
डेंगू भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए आज भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। साल दर साल इस बीमारी से ग्रस्त और मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। एनवीबीडीसीपी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले साल 67,000 से भी ज्यादा लोग डेंगू का शिकार हुए थे जिसमें मरने वालों की संख्या कुल 48 थी। वहीं साल 2018 में डेंगू के कारण कुल 172 लोगों की जान गई थी। साल 2017 में लगभग 2 लाख लोगों को डेंगू हुआ था जिसमें से 325 लोगों की मौत हो गई थी।
कैसे फैलता है डेंगू?
जब कोई मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर में चला जाता है। जब वह मच्छर किसी और व्यक्ति को काटता है तो उस व्यक्ति को भी डेंगू हो जाता है।
कितनों दिनों में होता है बुखार?
डेंगू मच्छर के काटने के बाद व्यक्ति को 3 से 10 दिनों के भीतर बुखार चढ़ जाता है। हालांकि, शुरुआत में बुखार हल्का होता है लेकिन धीरे-धीरे व्यक्ति की हालत खराब होती जाती है। इस बुखार की पहचान केवल टेस्ट के माध्यम से ही की जा सकती है, इसलिए बुखार होने पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक होता है।
डेंगू बुखार के लिए टेस्ट
डेंगू बुखार की पहचान के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। प्लेटलेट्स का कम होना डेंगू बुखार का पहला संकेत है इसलिए नियमित रूप से जांच करना जरूरी है। आमतौर पर किए गए परीक्षणों में सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट), डेंगू आईजीएम और एनएस1 डेंगू एंटिजेन शामिल हैं।
डेंगू का इलाज
दवाइयां
आमतौर पर डेंगू के मरीज कोटायलेनोल या पैरासिटामोल जैसी पेन किलर दवाइयां दी जाती हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स दी जाती हैं।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन जरूरी
इस बुखार में मरीज के शरीर को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन न करने से शरीर आसानी से डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है। ऐसे में उसकी तबितय सुधरने की बजाय बिगड़ सकती है इसलिए मरीज को अधिक से अधिक मात्रा में पानी पिलाएं।
साफ-सफाई
डेंगू बुखार होने पर मरीज की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि मरीज को स्नान नहीं करा सकते तो उसके पूरे शरीर को किसी कपड़े या स्पंज की मदद से साफ करें। उसके आसपास का वातावरण उमस भरा न हो। इसके अलावा उसे एक स्वच्छ स्थान पर लिटाना चाहिए।
घर पर उपचार
डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामॉल और क्रोसिन आदि दवाइयां ले सकते हैं। एस्प्रिन या डिस्प्रिन का सेवन न करें। इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। अगर बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें। सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें। मरीज को पौष्टिक आहार का सेवन कराएं। इस बुखार में मरीज बहुत ज्यादा कमजोर पड़ जाता है इसलिए उसे ज्यादा से ज्यादा समय के लिए आराम करने को कहें।
बचाव के तरीके
मच्छरों को मारने वाली दवाई का उपयोग करें। आडोमास लगाकर ही घर से बाहर निकलें। शरीर को पूरी तरह ढ़कने वाले कपड़े पहनकर ही घर से बाहर जाएं। मच्छरदानी का उपयोग करें। घर में मच्छर मारने वाली दवाई छिड़कें। ऐसी कोई भी चीज जिसमें पानी स्थिर रहता है उसकी नियमित रूप से सफाई करें। घर में और घर के आसपास पानी जमा न होने दें। घर को हमेशा साफ रखें। घर के आसपास झाड़ियां न लगाएं। घर के आसपास सफाई रखें। घर की खिड़कियों और दरवाजों में जाली भी लगवाएं जिससे मच्छर घर में प्रवेश न कर सकें। पानी की टंकियों और बर्तनों को अच्छे ढक कर रखें जिससे मच्छर उसमें प्रवेश कर प्रजनन न कर सकें।
डॉ. एस. के. मुंद्रा
एचओडी ‘इंटरनल मेडिसिन ’
सरोज सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली