हिसार, 21 सितंबर, 2020: लिवर संबंधी बीमारियों और फैटी लिवर के हानिकारक प्रभाव के बढ़ते मामलों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने हरियाणा स्कूल लेक्चर एसोसिएशन के सहयोग से गवरमेंट स्कूल लेक्चरर्स ऑफ हरियाणा के लिए एक वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार की अध्यक्षता हिसार के मेयर श्री गौतम सरदाना द्वारा की गई। उन्होंने लोगों की जीवनशैली और यह लिवर संबंधी विकारों को कैसे जन्म दे सकता है, पर चिंता व्यक्त की। इस वेबिनार में हरियाणा से लगभग 220 स्कूल शिक्षकों ने भाग लिया।
फोर्टिस हेल्थकेयर के हेपेटो-पैनक्रीटो-बाईलियरी सर्जरी, लिवर ट्रांसप्लान्ट के चेयरमैन और निदेशक, डॉक्टर विवेक विज इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता था, जिन्होंने हरियाणा में लिवर संबंधी बीमारियों में वृद्धि और लिवर स्कारिंग या लिवर सिरोसिस से बचाव के लिए शुरुआती स्क्रीनिंग के महत्व पर प्रकाश डाला।
पिछले 2 दशकों में जीवन की गुणवक्ता में बदलाव और सुधार हुआ है लेकिन आर्धिक विकास ने जीवनशैली की कुछ बीमारियों को बढ़ावा दिया है जिससे स्वास्थ्य देखभाल पर भारी बोझ पड़ा है। जीलवशैली में बदलाव, मोटापा और डायबिटीज ने जीवनशैली स्वास्थ्य संकट में योगदान दिया है। गतिहीन जीवनशैली के साथ शराब का अत्यधिक सेवन सीधा लिवर पर अटैक करता है।
फोर्टिस हेल्थकेयर के हेपेटो-पैनक्रीटो-बाईलियरी सर्जरी, लिवर ट्रांसप्लान्ट के चेयरमैन और निदेशक, डॉक्टर विवेक विज ने बताया कि, “फैटी लिवर की समस्या तब होती है जब लिवर की कोशिकाओं में वसा बहुत ज्यादा मात्रा में जमा हो जाता है। कोशिकाओं में वसा की कुछ मात्रा होना सामान्य है लेकिन 5% से अधिक वसा से फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। हालांकि, शराब का अत्यधिक सेवन फैटी लिवर का कारण बन सकता है लेकिन ऐसा हर मामले में जरूरी नहीं है। फैटी लिवर के लक्षण न दिखाई देने पर यह दशकों तक अंदेखा हो सकता है। धीरे-धीरे लिवर में सूजन बढ़ने लगती है और फाइब्रोसिस जमा होने लगती है। एक बार जब यह एडवांस चरण पर पहुंच जाता है, जिसे सिरोसिस या लिवर कैंसर कहते हैं, इसके लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं। सिरोसिस के चरण में लिवर फेल हो सकता है, जिसके इलाज के लिए केवल लिवर ट्रांसप्लान्ट का विकल्प ही रह जाता है। यदि बीमारी का पता शुरुआत में ही लग जाए तो इसे बढ़ने से रोका जो सकता है और इसका सफल इलाज भी संभव है। चुनौती यह है कि फैटी लिवर के रोगियों को उस वक्त कैसे मदद दी जाए जब लक्षणों का कोई नामोनिशान नहीं मिलता है।”
फैटी लिवर के कई संकेत होते हैं लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि वे सभी एक-साथ नज़र आएं। ये लक्षण बाद के चरणों में नज़र आ सकते हैं जैसे कि थकान, कमज़ोरी, हल्का दर्द या पेट के निचने हिस्से के दाहिने या बीच में भारीपन, लिवर एंजाइम्स का उच्च स्तर, इंसुलिन का स्तर बढ़ना, ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ना, भूख में कमी, मतली और उल्टी।
हिसार के मेयर, श्री गौतम सरदाना ने बताया कि, “हमने यह वेबिनार हरियाणा के अग्रणी लेक्चरर्स को फैटी लिवर और इसके बचावों के बारे में जरूरी जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया था। हमारा यह कदम शिक्षकों के ज़रिए स्कूल के छात्रों की मदद भी करेगा। छात्रों को सही उम्र में सही जानकारी देकर आने वाले कल की बीमारियों से बचाया जा सकता है। मुझे बेहद खुशी है कि कार्यक्रम में हरियाणा के इतने सारे शिक्षकों ने भाग लिया। हरियाणा में लिवर की बीमारियों में वृद्धि के बारे जागरुकता बढ़ाने के लिए मैं डॉक्टर विवेक विज का भी दिल से शुक्रिया करना चाहूंगा।”
डॉक्टर विवेक विज एक अग्रणी लिवर ट्रांसप्लान्ट सर्जन हैं, जिन्होंने देश में स्थापना के समय से ही लिविंग डोनर सर्जरी और डोनर सेफ्टी प्रोफाइल का उच्चतम स्तर हासिल करने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल विकसित किए। वे भारत में एकमात्र सर्जन हैं, जो निशान रहित लिवर डोनर सर्जरी प्रदान करते हैं। डॉक्टर विज और उनकी टीम 2500 से भी अधिक लिवर ट्रांसप्लान्टेशन का अनुभव रखते हैं।