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स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं के कारण सीने के भल गिरा 60 वर्षीय पुरुष, सफल इलाज से मिला नया जीवन

सब केटगॉरी : सेहत  Oct,05,2020 01:34:55 PM
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स्ट्रोक और किडनी की समस्याओं के कारण सीने के भल गिरा 60 वर्षीय पुरुष, सफल इलाज से मिला नया जीवन

नई दिल्ली: सीने के भल गिरने के बाद 60 वर्षीय मरीज के सीने और रीढ़ में असहनीय दर्द उठा था, जिसका सफलता पूर्वक इलाज किया गया। जयपुर निवासी डायबिटीज का मरीज है। गिरने के बाद मरीज को बेहोशी और सीने में गंभीर दर्द की समस्या हुई, जिसके बाद बिना देर किए उसे जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया। 

अस्पताल में जांच के बाद पता चला कि उसे कई अन्य गंभीर समस्याएं भी हैं, जैसे कि किडनी की गंभीर समस्या, अनियंत्रित रक्तचाप आदि। इतनी सारी समस्याओं को देखते हुए उसे मैक्स अस्पताल, साकेत, दिल्ली में भर्ती किया गया।

गहन जांच से स्ट्रोक अटैक का पता चला, जिसके कारण मरीज को चक्कर आया और वह सीने के भल गिर पड़ा। मरीज की किडनी भी ठीक से काम नहीं कर रही थी। इसके अलावा उसे 20 सालों से टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस है और 6 साल पहले की गई एंजियोप्लास्टी के साथ हृदय रोग है। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। मरीज के इलाज में डॉक्टरों की कई टीमों ने मदद की, जिसमें न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, दर्द, क्रिटिकल केयर, गेस्ट्रोएंटिरोलॉजी, यूरोलॉजी और एंडोक्रिनोलॉजी की टीमें शामिल रहीं।

साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के पेन मैनेजमेंट सर्विसेस के वरिष्ठ सलाहकार व प्रमुख, डॉक्टर अमोद मनोचा ने बताया कि, आईसीयू में इलाज के बाद भी मरीज की पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा था, जिसके कारण वह खाने के लिए बैठ तक नहीं पा रहा था। यहां तक कि करवट बदलने में भी बहुत तकलीफ हो रही थी। रीढ़ की एमआरआई रिपोर्ट से पता चला कि रीढ़ के जोड़ों में अर्थराइटिस की समस्या के कारण नसों में दबाव था, जो गंभीर दर्द का कारण बना हुआ था। इस दर्द को पूरी तरह खत्म करने के लिए इलाज में बहुत चुनौतियां आईं क्योंकि वह ठीक से होश में नहीं आ पा रहा था। हालिया स्ट्रोक के कारण वह ब्लड थिनर मेडिकेशन पर था, किडनी भी ठीक से काम नहीं कर रही थी और उसका शुगर लेवल भी नियंत्रण में नहीं था। ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में केवल सीमित दवाइयों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि साइड इफेक्ट का खतरा रहता है। एक्स-रे की मदद से उसकी रीढ़ में इंजेक्शन लगाए गए, जिससे मरीज को दर्द में राहत मिली और अब वह फिर से बिना किसी समस्या के बैठ कर खा सकता था।

हालांकि, मरीज को अन्य समस्याओं के लिए अस्पताल में ही भर्ती रखा गया लेकिन उसकी पीठ का दर्द अब पूरी तरह से ठीक हो चुका था। लगभग 2 महीनों के पोस्ट फॉलो-अप जांचों के साथ, मरीज अब बिना किसी समस्या या दर्द के आराम से बैठ पा रहा है और घर के सभी काम भी आसानी से कर पाता है।

मरीज के बेटे, रमेश सैनी ने कहा कि, मेरे पिता के चेहरे पर इस दर्द का अनुभव साफ दिखाई दे रहा था। उन्हें बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही थी। यहां तक कि इलाज के बाद भी उन्हें काफी समय तक अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े। मैं डॉक्टर अमोद का शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होंने मेरे पिता को इस गंभीर दर्द से छुटकारा पाने में मदद की।

-डॉक्टर अमोद मनोचा
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल साकेत 

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