सर्दियों में हड्डियों और डायबिटीज की बढ़ती समस्याओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए मेगा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
सब केटगॉरी : स्वास्थ्य
Dec,10,2020 08:04:42 PM
बुलंदशहर: ठंड के मौसम में न सिर्फ युवाओं के बीच जीवनशैली संबंधी बीमारियों में वृद्धि होती है, बल्कि बुजुर्ग आबादी भी कई समस्याओं से परेशान होती है। इसलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए फोर्टिस अस्पताल, नोएडा ने दिगम्बर जैन समाज के सहयोग से आज बुलंदशहर में एक निशुल्क मेगा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया।
यह निशुल्क स्वास्थ्य चेकअप शिवर बाघ मंदिर, दाताराम चौक खुर्जा में आयोजित किया गया था, जहां स्थानीय लोगों के ब्लड ग्लूकोस स्तर और बोन मिनरल डेंसिटी का मुफ्त में टेस्ट किया गया। इसी के साथ उन्होंने निशुल्क परामर्श का लाभ भी उठाया। नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल में हड्डी और जोड़ सर्जरी/ऑर्थोपेडिक्स के निदेशक व हेड, डॉ. अतुल मिश्रा ने बताया कि, “हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन जीना सिखाना है। यदि लोगों को बीमारी के लक्षणों और शुरुआती निदान की महत्ता के बारे में पता होगा, तो वे आधी लड़ाई वहीं जीत लेंगे। भारतीयों में जोड़ों का दर्द और घुटनों की समस्या बेहद आम है और हड्डियों की समस्याओं को नजरअंदाज करना एक चिंता का विषय है। ये समस्याएं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी होती हैं, जैसे कि वजन, कैल्शियम की कमी, बोन डेंसिटी आदि। जबकी जीवनशैली में बदलाव और शुरुआती निदान के साथ इनके मामलों में कमी लाई जा सकती है। इन समस्याओं का कारण और लंबे समय का हल ढूँढना बेहद जरूरी है।”
हालांकि, डायबिटीज के मेडिकेशन में हालिया प्रगति के साथ, इलाज के विभिन्न और बेहतर विकल्प खुल गए हैं, लेकिन बावजूद इसके भारत में डायबिटीज के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे भी बड़ी समस्या यह है कि उनमें से 50 प्रतिशत रोगियों का अबतक निदान नहीं हुआ है। युवाओं के बीच डायबिटीज के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए उन्हें इसके नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरुक करना अति आवश्यक है। शुरुआती निदान के लिए नियमित रूप से स्क्रीनिंग और मॉनिटरिंग कराना जरूरी है और जो लोग डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास रखते हैं उन्हें भी नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराने की आवश्यकता है।
डॉ. अतुल मिश्रा ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि, “सर्दी के मौसम में, हड्डियों की बीमारियां बढ़ जाती हैं। लोगों को चलने में परेशानी होती है, जोड़ जकड़ जाते हैं, पीठ का निचला हिस्सा और जोड़ों में दर्द होता है। ये समस्याएं विशेषकर बुजुर्गों को परेशान करती हैं। उनके शरीर को गर्म रखना जरूरी है। डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी, सी और कैल्शियम के सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है। बुजुर्गों को सर्दियों की इन बीमारियों से आसानी से छुटकारा पाने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है। इस शिविर के आयोजन का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरुक करने के साथ उन्हें निशुल्क मेडिकल सुविधाएं प्रदान करना था।” इस शिविर के जरिए, हमने आर्थराइटिस और हड्डियों के रोगियों में नजरअंदाज की जाने वाली समस्या के बारे में जागरुकता बढ़ाई। आर्थराइटिस मरीजों को रोबॉटिक असिस्टेंस के साथ नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के बारे में जागरुक होने की जरूरत है।