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मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली ने रूद्रपुर में अपना पहला न्यूरोसाइंस ओपीडी खोला

सब केटगॉरी : स्वास्थ्य  Jan,22,2021 12:06:08 PM
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मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली ने रूद्रपुर में अपना पहला न्यूरोसाइंस ओपीडी खोला

रूद्रपुर, 18 जनवरी, 2021: दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में अत्याधुनिक हेल्थकेयर सेवाएं देने में अग्रणी मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली ने जीवनदीप हॉस्पिटल, नैनीताल रोड पर अपने पहले न्यूरोसाइंस ओपीडी के उद्घाटन के साथ ही रूद्रपुर में अपनी सेवाओं का विस्तार कर लिया है।

आज से शुरू हो रही न्यूरोसाइंस ओपीडी सेवा का लक्ष्य रूद्रपुर और इसके आसपास के क्षेत्र के लोगों को लाभान्वित करना है। हर माह के तीसरे सोमवार को ओपीडी के कंसल्टेंट डॉक्टर स्थानीय लोगों को आसानी से खासकर महामारी के इस दौर में चिकित्सा सुविधाएं देंगे। इससे न्यूरो के मरीजों और उनके तीमारदारों को न्यूरोसाइंस के डॉक्टरों से परामर्श लेने के लिए दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा और उनकी यात्रा के समय में आश्चर्यजनक कटौती होगी।  

महामारी के खौफ के बीच मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज के डॉक्टर इस ओपीडी में मौजूद रहेंगे और सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करते हुए मरीजों को देखेंगे। इस ओपीडी का उद्घाटन मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में न्यूरोसर्जरी के सीनियर डायरेक्टर डॉ. संजीव दुआ की उपस्थिति में किया गया।

रूद्रपुर में ऐसी ओपीडी सेवा की स्थापना का मुख्य मकसद उन क्षेत्रों तक सर्वश्रेष्ठ सेवाएं पहुंचाना है जहां से ऐसे मरीजों को डॉक्टरों से सलाह लेने के लिए यात्रा करना मुश्किल होता है। मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज के अत्यंत अनुभवी और योग्य डॉक्टरों ने कई कीर्तिमान बनाए हैं और अब समाज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का बीड़ा उठाया है।


मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज में न्यूरोलॉजी के सीनियर डायरेक्टर डॉ. संजीव दुआ ने कहा, ‘न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के लक्षणों के प्रति जागरूकता और सही समय पर उपचार प्रमुखता से शुरू कराना चाहिए। इस ओपीडी के जरिये हम लोगों को शुरुआती लक्षणों और इससे होने वाले उपचार के फायदों के महत्व के बारे में बता सकते हैं। उपचार में देरी, खासकर स्ट्रोक के मामलों में देरी के कारण एक तिहाई से अधिक मरीज हमेशा के लिए दिव्यांग हो सकते हैं और हर साल इस वजह से 25 फीसदी से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। एक्यूट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों को एक निर्धारित अवधि के अंदर अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी होता है ताकि उसे सही समय पर थ्रोबोलिटिक थेरापी दी जा सके। इससे 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में आश्चर्यजनक रिकवरी देखी गई है। ओपीडी सेवाओं के जरिये ऐसे मरीजों और निवासियों को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा।’

भारत के न्यूरोलॉजिकल सोसायटी द्वारा उपलब्ध कराए डाटा के मुताबिक, एपिलेप्सी, स्ट्रोक, पर्किंसन रोग और ट्रेमर समेत सामान्य न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के मामले और इन घटनाओं की दर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक पाई गई है। एपिलेप्सी से पीड़ित 60 लाख लोगों, स्ट्रोक (लगभग 35 फीसदी) की अधिक मृत्यु दर को देखते हुए  दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूरोलॉजी उपचार सुविधाओं का होना बहुत जरूरी है।

डॉ. दुआ ने कहा, ‘कम उम्र के युवाओं में धूम्रपान, सिस्टोलिक हाइपरटेंशन, फास्टिंग के दौरान उच्च ब्लड ग्लूकोज लेवल और लोअर हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल के लक्षण होने के कारण युवावस्था में ही न्यूरोलॉजिकल समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।

जागरूकता का अभाव, निम्न साक्षरता दर और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की खस्ता हालत इन बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण हैं। स्ट्रोक के उपचार के लिए थ्रोम्बोलिसिस थेरापी, क्रोनिक माइग्रेन के उपचार के लिए बोटोक्स थेरापी, पर्किंसन रोग के इलाज के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन जैसी अत्याधुनिक न्यूरोसाइंस चिकित्सा सुविधाएं होने के कारण ऐसी किसी भी स्थिति के मरीजों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए किया जाने वाला उपचार संभव हो पाया है।


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