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प्रवेश परीक्षा के लिए नियमित अभ्यास की जरूरत

सब केटगॉरी : करियर  Feb,12,2021 03:08:44 PM
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प्रवेश परीक्षा के लिए नियमित अभ्यास की जरूरत

क्लैट 2021 की परीक्षा 13 जून 2021 को होने जा रही है और कानून में भविष्य तथा कैरियर बनाना उतना आसान नहीं होता, जितना यह लगता है. इसके लिए क्लैट की प्रतियोगिता परीक्षा में सफल होने के लिए उम्मीदवारों को समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ एकाग्रता दिखानी होती है. कानून में कैरियर बनाने का लक्ष्य रखने वाले समर्पित उम्मीदवारों के लिए अपनी तैयारी शुरू करने का यही उचित समय है. आखिरी समय में परीक्षा की तैयारी करने का छात्रों को बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता. लेकिन यदि वे नियमित रूप से बहु विकल्पीय प्रश्नों पर आधारित इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें, तो निश्चित रूप से वे अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. शुरुआती दौर से ही अपनी राह और नजरिया तय करते हुए तैयारी करना हमेशा अच्छा माना जाता है.

रणनीतिक तरीके से परीक्षा की तैयारी करने से विषयों और तथ्यों को प्राथमिकता देने में मदद मिलती है, क्योंकि हर छात्र के सीखने की अपनी अलग शैली होती है. इसके लिए बारहवीं की तैयारी के अलावा क्लैट के लिए रोजाना तीन घंटे की तैयारी (क्लास करना और सेल्फ स्टडी) जरूरी है, जबकि बाकी समय का सदुपयोग बारहवीं की तैयारी के लिए किया जाना चाहिए. योग्यता परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की स्पष्ट सोच-समझ की परख करना होता है, इसलिए सभी सवालों का उत्तर देने का प्रयास करने की सलाह नहीं दी जाती है. इसके बजाय छात्रों को अधिक अंक पाने के लिए उन्हीं सवालों को हल करना चाहिए जिनका उत्तर उन्हीं अच्छी तरह आता हो. दरअसल, कई बार निश्चित अवधि के अंदर सभी सवालों के जवाब देने से आपके सही जवाबों का अनुपात बहुत कम हो जाता है.’

किसी भी प्रवेश परीक्षा के लिए नियमित अभ्यास की जरूरत पड़ती है. अभ्यर्थी को तकरीबन 80-90 फीसदी सवालों का सही-सही जवाब देने का लक्ष्य रखना चाहिए. जब आप अभ्यास करते हैं तो आपको प्रत्येक खंड से पूछे जाने वाले उन सवालों को पहचानने का प्रयास करना चाहिए जिनका उत्तर आपको अच्छी तरह आता हो. इससे असली परीक्षा के दौरान आपका समय बचेगा. किसी भी अभ्यर्थी के लिए समसामयिक घटनाओं से जुड़े सवालों का हमेशा फटाफट जवाब देना होता है.

पिछले कई दशकों से कानून में डिग्री हासिल करना बड़ी प्रतिष्ठा की बात होती है और इसकी वजह यह है कि यह कॉमर्स हो या इंजीनियरिंग, सभी स्ट्रीम के छात्रों के लिए आकर्षण का क्षेत्र माना जाता है. इसके अलावा कैरियर और समाज में सम्मान के लिहाज से भी इसमें बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं. देश के शीर्ष राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी) परीक्षा आयोजित की जाती है. कई अभ्यर्थी इसे हल्के में लेने के कारण अपना सपना साकार नहीं कर पाते हैं

पीएसआईएस इंटरफेस के साथ क्लैट के लिए नियमित रूप से मॉक परीक्षा देते रहने का अनुभव काफी कारगर होता है. शब्दकोष ज्ञान और समसामयिक विषयों की जानकारी रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इससे आपको प्रवेश परीक्षा में अच्छा अंक मिल सकता है. हालांकि मॉक टेस्ट में अपने परफॉर्मेंस के आधार पर आप अपनी रणनीति में बदलाव करते रह सकते हैं. चूंकि यह परीक्षा पद्धति लगातार अध्ययन करते रहने पर आधारित है, इसलिए छात्र आम तौर पर सभी सवालों का जवाब नहीं दे पाते हैं. लिहाजा वे हताश हो जाते हैं और बीच में ही तैयारी छोड़ देते हैं. अपनी दिनचर्या में जब कभी समय मिला, नियमित अंतराल पर तैयारी करते रहने ही आपको सफलता हासिल हो पाएगी.

-अमनदीप राजगोत्रा, नेशनल हेड, लॉ, प्रथम टेस्ट प्रेप सम्प्रेषण


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