गुरुग्राम, 15 फरवरी, 2021: बच्चों की आबादी में कैंसर के बढ़ते मामलों और अत्याधुनिक उपचार पद्धतियों की उपलब्धता को देखते हुए माता—पिता को अपने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए सही समय पर उपचार हासिल करने के प्रति जागरूक होना बहुत जरूरी है।
इसी को ध्यान में रखते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम ने अंतरराष्ट्रीय शिशु कैंसर दिवस के मौके पर आज अपने अस्पताल परिसर में अपनी तरह का पहला पेडियाट्रिक सॉलिड ट्यूमर क्लिनिक खोला। बच्चों के कैंसर का इलाज वयस्कों की तरह नहीं किया जाता है और उनमें कैंसर के मामले भी वयस्कों से अलग होते हैं, इसलिए एक खास क्लिनिकल चुनौती के बीच उनमें ज्यादा खतरा रहता है।
फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में विशेष पेडियाट्रिक सॉलिड ट्यूमर क्लिनिक खुलने का मुख्य मकसद 'जीवन की सुबह में ही किसी बच्चे की मौत न होने पाए' है। यह क्लिनिक प्रत्येक बुधवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक खुला रहेगा और यह डॉ. विकास दुआ और डॉ. मानसी सचदेव (पेडियाट्रिक आॅन्कोलॉजिस्ट) की निगरानी में संचालित होगा।
यह क्लिनिक आज से ही चालू हो जाएगा जहां विभिन्न प्रकार के सॉलिड ट्यूमर से पीड़ित बच्चों का कुशलता से इलाज किया जाएगा। यह चाहे ब्रेन ट्यूमर हो या स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर या हड्डियों और मांसपेशियों को प्रभावित करने वाला कोई ट्यूमर हो, जो लीवर और किडनी से निकलता हो। पेडियाट्रिक मेडिकल आॅन्कोलॉजिस्ट, सर्जिकल आॅन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन आॅन्कोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट तथा न्यूक्लियर मेडिसिन डॉक्टरों की पूरी टीम इस तरह की बीमारियों से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए बहुआयामी तकनीकों का इस्तेमाल करेगी।
इस मौके पर आॅन्कोलॉजिस्ट और सर्जन के साथ साथ कई क्षेत्रों के विशेषज्ञों की टीम ने पीड़ित बच्चों के अभिभावकों के साथ अपने अनुभव साझा किए जिनके बच्चे कैंसर से जंग जीत चुके थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 0 से 19 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 4 लाख बच्चों में किसी न किसी रूप में कैंसर का पता चलता है। और इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार भारत में हर साल ऐसे 50000 से अधिक मामले सामने आते हैं। वयस्कों के विपरीत, बच्चों में कैंसर तेजी से फैलता है, लेकिन कैंसर कोशिकाएं कीमोथेरेपी उपचार के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती हैं जो इसे एक बहुत ही व्यावहारिक और वास्तविक रूप से प्राप्त करने योग्य लक्ष्य बनाती है।
फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के पेडिएट्रिक हेमाटोलॉजी ऑन्कोलॉजी एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सीनियर कंसलटेंट डॉ मानसी सचदेव ने बताया कि अधिकतर बच्चों के कैंसर का इलाज जेनेरिक दवाओं ,कीमोथेरेपी ,रेडिएशन थेरेपी,या सर्जरी से इलाज के योग्य होता है जिसमे की शीघ्र निदान और सही उपचार महत्त्वपूर्ण है।हालांकि भारत में सारे कैंसर केसेस में बाल कैंसर के मामले सिर्फ 3 % तक दुर्लभ होते हैं लेकिन यह अभी तक मौत के प्रमुख कारणों में से एक है।ऑन्कोलॉजी उपचार के क्षेत्र में हाल की प्रगति के साथ इलाज की दर अधिक है और ठीक होने वाले बच्चों में उत्पादक जीवन भी उच्च पाया जाता है बशर्ते उचित उपचार का लाभ उठाया जाए।
“यह खबर सुनकर बहुत तकलीफ होती है कि आपका बच्चा कैंसर से पीड़ित है। हमारा 10 वर्षीय बच्चा आवर्ती दर्द में था, एक ऐसा दृष्टिकोण जिसे कोई भी माता-पिता स्वीकार नहीं कर सकते। लेकिन हम माता-पिता के रूप में कभी आशा नहीं खोते थे और मानते थे कि समय पर निदान और उचित उपचार के साथ हम यह जंग जीत सकेंगे। फोर्टिस अस्पताल, गुरुग्राम के डॉक्टरों ने हमें उपचार मॉड्यूल और परिणामों के बारे में बताया। हम पिछले एक साल से अपने बेटे को वापस सामान्य देखने के लिए बहुत आभारी हैं ” उपस्थित माता-पिता में से एक ने कहा।