नोएडा, 22nd February 2021। महामारी के दौर में नि:स्वार्थ भाव से सेवा में समर्पित सभी स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में यथार्थ सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने नोएडा एक्सटेंशन में आज हनुमान मंदिर चौक पर डॉक्टरों की प्रतिमा के साथ पहले कोरोना वॉरियर्स चौक का अनावरण किया।
सर्जिकल दस्ताने और फेस मास्क पहने दो डॉक्टरों की 15 फुट ऊंची प्रतिमा पूरा करने में एक महीने से ज्यादा समय लगा। अब इस क्षेत्र को कोरोना वॉरियर्स चौक के नाम से जाना जाएगा।
कोविड में जान गंवाने वाले योद्धाओं को देश हमेशा याद रखेगा। आकाश में देख रहे उनकी प्रतिमाएं एक समर्पण का प्रतीक होगी और इस बात की तस्दीक देगी कि महामारी के दौरान अहम भूमिका निभाने वाले प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस क्षेत्र के केंद्र में स्थित यह कोरोना वॉरियर्स चौक इधर से गुजरने वाले हर मुसाफिर को उनकी नि:स्वार्थ सेवा की हमेशा याद दिलाएगा।
इस चौक का उद्घाटन ग्रेटर नोएडा के सीईओ श्री नरेंद्र भूषण ने गौतम बुद्धनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. दीपक ओहरी की मौजूदगी में किया।
यथार्थ ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ कपिल त्यागी ने बताया कि “संपूर्ण मेडिकल फ्रेटर्निटी अपने दिमाग से कोरोना महामारी के भय को दूर रख अपने पेशेवर ज़िम्मेदारी को आगे रख इस पूरे महामारी के खिलाफ लड़ते रहे। एक अज्ञात बीमारी से लड़ते हुए हमारे फ्रंटलाइन डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने राष्ट्र के कल्याण के लिए कठिन परिश्रम किया है। हाल ही में टीकाकरण अभियान सफल होने से उनके द्वारा किये गए कठिन परिश्रम का सबसे ज़्यादा संतोषजनक हिस्सा है। हमें इस बात का गर्व है कि इस परिस्तिथि में हैं कि उनके प्रयासों से अंतर ला सकते हैं और हम इसकी सराहना करते हैं।“
प्रतिमा अनावरण समारोह के बाद अस्पताल परिसर में कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम और एक कोविड फिल्म प्रस्तुति का कार्यक्रम भी हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि और सम्मानित अतिथियों ने चिकित्सा जगत के योद्धाओं की भूमिका पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला।
यथार्थ ग्रुप आॅफ हॉस्पिटल्स के निदेशक यथार्थ त्यागी ने कहा, 'सभी कोरोना योद्धाओं द्वारा किए गए अथक, असाधारण और अपार प्रयासों के प्रति आभार जताने का यह एक छोटी सी कोशिश है। महामारी के दौरान हमने कई तरह के प्रयास किए, वहीं हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं ने महामारी से मुकाबले के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मी और स्वास्थ्य से जुड़े सभी कर्मियों अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना पर नियंत्रण करने में योगदान किया। वाकई उनका यह प्रयास किसी ईश्वर से कम नहीं था।'