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रणनीतिक तरीके से बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की एक साथ तैयारी

सब केटगॉरी : शिक्षा  Feb,23,2021 03:57:35 PM
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रणनीतिक तरीके से बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की एक साथ तैयारी

बोर्ड परीक्षाओं की तारीख घोषित होने के साथ ही अपने कैरियर की दीर्घकालिक योजना बना चुके छात्र असमंजस में पड़ गए हैं कि बोर्ड और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियाँ एक साथ कैसे की जाए। महामारी के इस दौर में दोनों परीक्षाएं उनके लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं।
बारहवीं की परीक्षा जहां बच्चों के बेहतरीन कैरियर की बुनियाद बनाने का शुरुआत होती है, वहीं इसके साथ ही प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर छात्र तनावपूर्ण स्थिति में आ जाते हैं।


प्रथम टेस्ट प्रेप के प्रबंध निदेशक अंकित कपूर ने कहा, हालांकि बारहवीं बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षा की एक साथ तैयारी करना बहुत जटिल होता है, लेकिन छात्रों को समझना चाहिए कि प्रवेश परीक्षा की तुलना में बारहवीं का सिलेबस सीमित और निर्धारित रहता है। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों की दक्षता परखी जाती है। लिहाजा सफल कैरियर बनाने के लिए दोनों परीक्षाओं के बीच रणनीतिक संतुलन बनाते हुए तैयारी करना बहुत जरूरी होता है। यह कहना तो आसान लगता है कि टाइम टेबल बनाकर तैयारी की जा सकती है लेकिन इसका पालन करना बहुत कठिन होता है। परीक्षा की इस आखिरी घड़ी में टाइम टेबल बदलकर तैयारी करने की सलाह देना उचित नहीं है क्योंकि नई समय सारिणी के अनुकूल तैयारी करने में कई तरह की कठिनाइयाँ आती हैं। लेकिन इस समय यदि व्यवस्थित तरीके से तैयारी की जाए तो छात्रों को अपना कमजोर पहलू समझने और उसमें सुधार करने में मदद मिलती है।


दोनों परीक्षाओं की तैयारी में समय का प्रबंधन बहुत अहम भूमिका निभाता है। सफलता की पहली सीढ़ी तनाव मुक्त रहते हुए तैयारी करना है इसलिए छात्रों को परीक्षा का तनाव लिए बिना रणनीति बनानी चाहिए। बहुत संभावना है कि उनके आसपास कुछ लोग नकारात्मक विचारों वाले, भ्रमित करने और मन में भय पैदा करने वाले होंगे।


अपनी तैयारी का स्तर परखने के लिए छात्रों को नियमित रूप से मॉक टेस्ट में शामिल होने की सलाह दी जाती है। इससे उन्हें अपना कमजोर पक्ष और एकाग्रता  का स्तर परखने में भी मदद मिलेगी। दोनों परीक्षाओं की प्रश्न पद्धति अलग-अलग होती है। बोर्ड परीक्षा के प्रश्नों में परंपरागत पद्धति होती है जबकि प्रवेश परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों की रणनीति अपनाई जाती है। मॉक प्रैक्टिस करने से आपको किसी खास पाठ और विषय से जुड़े बेसिक और उच्च स्तरीय प्रश्नों की पहचान करने में मदद मिलेगी।


उन्होंने कहा, एक साथ तैयारी करने की सबसे बड़ी दुविधा एक टॉपिक से दूसरे टॉपिक में घालमेल हो जाने की रहती है। ऐसे टॉपिक की पहचान करना और अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक्स से जितनी जल्दी हो सके, अलग करके पढ़ाई करना बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ आपका कीमती वक्त बचेगा, बल्कि दोनों परीक्षाओं परिणाम भी सकारात्मक आएंगे। किसी छात्र को बेहतरीन तैयारी पर केंद्रित होने के लिए उचित विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में पढ़ाई करना हमेशा अहम माना जाता है और तैयारी के दौरान उनका वक्त जाया नहीं होता है।
बहुत संभावना रहती है कि छात्रों के आसपास कुछ नकारात्मक विचारों वाले और विघ्न डालने वाले लोग हों, जो उनके मन में भय कर दें। ऐसे हालात में खुद पर यकीन करें और तैयारी के इन आखिरी क्षणों में अपने प्रयासों से आपने जो अर्जित किया है, उस पर भरोसा करें। 



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