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सिर और गर्दन का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, इसे देखते हुए डॉक्टरों ने तंबाकू के इस्तेमाल के प्रति चेताया

सब केटगॉरी : स्वास्थ्य  Apr,06,2021 04:17:37 PM
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सिर और गर्दन का कैंसर तेजी से बढ़ रहा है, इसे देखते हुए डॉक्टरों ने तंबाकू के इस्तेमाल के प्रति चेताया

सिर और गर्दन के कैंसर के बढ़ते मामलों पर विचार करने और उपचार पद्धति में हुई तरक्की के बारे में बताने के लिए मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल पटपड़गंज ने आज एक संवाद सत्र का आयोजन किया। इसमें ग्वालियर के 45 वर्षीय गजेंद्र के मामले की जानकारी देते हुए डॉक्टरों ने सिर और गर्दन के कैंसर के अत्याधुनिक इलाज और इसमें हुई तरक्की के बारे में बताया।

गजेंद्र दाहिने गाल में दर्दनाक अल्सर से पीड़ित था और उसे पिछले साल मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, नई दिल्ली लाया गया। खाने—पीने में दिक्कत होने और मुंह खोलने में दर्द होने के कारण उसे बायोप्सी और रोग के चरण की जांच कराने की सलाह दी गई। दर्द बढ़ता ही जा रहा था और रिपोर्ट में भी पता चला कि उसके मुंह और गले की नली तक ट्यूमर फैल चुका था।
सबमस्कस फाइब्रोसिस (एक प्रकार का ट्यूमर जिसमें मुंह नहीं खुल पाता है) बन जाने के कारण भी ट्रिसमस (मुंह खुलना पूरी तरह बंद होने की स्थिति) के कगार पहुंच जाने की वजह से उसे खाने—पीने में दिक्कत होने लगी थी। सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण वह महीनों से बदतर स्थिति में पहुंच चुका था। डॉक्टरों की टीम ने तत्काल उसकी पहली कीमोथेरापी कराई क्योंकि ट्यूमर बहुत बढ़ चुका था। कीमोथेरापी के बाद मरीज को सर्जरी के लिए तैयार किया गया।  

तंबाकू का इस्तेमाल सिर और गर्दन के कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। लेकिन इनमें से 90 फीसदी से ज्यादा मामले ठीक भी हो सकते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) के मुताबिक, कैंसर के तीन में से एक मामला बीमारू राज्यों से ही आता है।

देश में 2020 के दौरान (13.24 लाख मामले) दर्ज कैंसर के कुल मामलों में से 2.65 लाख नए मामले सिर और गर्दन के कैंसर के ही हैं। ग्लोबकैन डाटा 2020 के मुताबिक, सिर और गर्दन का कैंसर पुरुषों में होने वाले सभी तरह के कैंसर में दूसरा सबसे बड़ा मामला है। मुंह के कैंसर के कारण पूरी दुनिया में होने वाली मौत का छठा सबसे बड़ा कारण है और इनमें से 45 फीसदी से अधिक मामले मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश से आते हैं।

मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली में सिर और गर्दन के सर्जिकल आॅन्कोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सौरभ अरोड़ा ने कहा, 'मरीज और उसका परिवार चूंकि इलाज को लेकर आशंकित थे इसलिए सर्जरी को लेकर उनकी काउंसिलिंग कराई गई। मरीज का सफल इलाज कर ट्यूमर निकाल दिया गया और गर्दन की नली ठीक की गई। इसके बाद अंगों की पूर्वस्थिति बहाल करने के लिए रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद मरीज को रेडियोथेरापी और कीमोथेरापी दी गई। नियमित जांच कराते रहने के बाद उसका ट्यूमर खत्म हो गया और उसकी आवाज सामान्य हो गई और वह फिर से खाने—पीने लगा। मुंह के घाव की शुरुआती पहचान होने से मरीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। जिस किसी को अधिक खतरा रहता है उसे अपने मुंह की कैविटी के बारे में सजग रहना चाहिए और महीने में एक बार जांच कराते रहना चाहिए।'

इस संवाद सत्र में किसी भी रूप में तंबाकू के सेवन के नुकसान के बारे में भी बताया गया। साथ ही लोगों को स्वस्थ आदतें अपनाने और नियमित जांच कराते रहने की सलाह दी गई। डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि मुंह में अगर तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक लाल या सफेद चकते या जख्म होते हैं तो तत्काल डॉक्टरी परामर्श लेना जरूरी है।

डॉ. अरोड़ा ने कहा, 'जागरूकता के अभाव में लोग आम तौर पर शुरुआती लक्षणों की अनदेखी कर देते हैं और बीमारी के एडवांस्ड स्टेज में पहुंच जाने के बाद ही अस्पताल आते हैं। कैंसर के इलाज के बारे में जागरूकता फैलाना और इस बीमारी से बचने के लिए लाइफस्टाइल में सुधार करने तथा आत्मपरीक्षण करने के बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी है। कैंसर की बेहतर और अत्याधुनिक इलाज पद्धति तो उपलब्ध हो गई है लेकिन लोगों को शुरुआती लक्षणों के बारे में भी जागरूक करना उतना ही जरूरी है। मुंह में किसी तरह का घाव या निकलने में कठिनाई जैसे शुरुआती लक्षणों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। इनकी अनदेखी से रोग बढ़ता जाएगा और एक समय बाद कैंसर का रूप धारण कर लेगा जिसका इलाज हर दृष्टिकोण से मरीज के लिए मुश्किल हो जाएगा।'

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