तेजी से बढ़ते लीवर डिसऑर्डर को देखते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल के डॉक्टर ने सर्वहित गैस्ट्रोसिटी में ओपीडी शुरू किया
सब केटगॉरी : स्वास्थ्य
Apr,13,2021 04:42:01 PM
अमृतसर, 12 अप्रैल: लीवर में खराबी अल्कोहल के अधिक सेवन, वायरल संक्रमण (हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी वायरस और अन्य संक्रमण), ऑटोइम्यून, दवाइयों आदि जैसे कई कारणों से आती है।पंजाब में लीवर संबंधी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसे ध्यान में रखते हुए और अमृतसर तथा आसपास के लोगों को सहूलियत देने के लिए फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम पिछले दो वर्षों से लीवर संबंधी बीमारियों के लिए अपनी मासिक ओपीडी सेवाएं चला रहा है।
स्पेशल ओपीडी सेवाएं अमृतसर के रंजीत एवेन्यू स्थित सर्वहित गैस्ट्रोसिटी आई/एस पार्वती देवी हॉस्पिटल में हर महीने के पहले बुधवार को उपलब्ध रहती हैं। ओपीडी सेवाओं में न सिर्फ विशेषज्ञ की सलाह दी जाती है बल्कि इससे प्राथमिक परामर्श के लिए दूरदराज के मेट्रो शहरों का दौरा करने से भी मरीजों को निजात मिल जाती है।
फोर्टिस हॉस्पिटल, दिल्ली—एनसीआर में एलटीपी एंड एचबीपी सर्जरी के चेयरमैन डॉ. विवेक विज ने कहा, 'देश (खासकर पंजाब) में लीवर रोगों के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं जिनका मुख्य कारण लाइफस्टाइल में बदलाव को माना जाता है। लीवर संबंधी बीमारियां संक्रमण या लीवर में फैट जमा होने के कारण मामूली रोग स्थिति से लेकर सिरोसिस जैसी गंभीर स्थिति, एक्यूट या लीवर खराब होने की क्रोनिक स्थिति और ट्रांसप्लांट की नौबत तक पहुंचा देती हैं। बढ़ती उम्र और मोटापा के बढ़ते मामलों के कारण अब ज्यादा से ज्यादा लोग मोटापा संबंधी लीवर रोग की चपेट में आने लगे हैं जिसे नैश यानी नॉन—अल्कोहलिक स्टिटो हेपेटाइटिस कहा जाता है।
लिवर ट्रांसप्लांट के कारण लीवर रोगों से जूझ रहे हजारों लोगों को नया जीवन मिला है लेकिन हाल के वर्षों में लीवर संबंधी बीमारियों के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों के लिए अब शुरुआती डायग्नोसिस करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। हमारा फोकस सभी जरूरतमंद मरीजों को सही समय पर विशेषज्ञ और क्वालिटी स्वास्थ्य सेवाएं देने पर है, चाहे वे कहीं भी रहते हों।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट बताती है कि लीवर संबंधी बीमारियां भारत में बढ़ती मृत्यु दर का दूसरा बड़ा कारण बनती जा रही हैं।
लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बारे में डॉ. विज ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में दानकर्ता की सर्जरी प्रक्रिया सरल और सुरक्षित हो गई है। लीवर एक खास अंग होता है जो बढ़ने के बाद लगभग सामान्य आकार में आ जाता है और इसमें कुछ महीनों से साल तक लग जाता है। लेप्रोस्कोपिक लीवर दानकर्ता की लीवर सर्जरी एलडीएलटी के क्षेत्र में नया ईजाद है। इस प्रक्रिया के तहत दानकर्ता की सर्जरी एक छोटे छेद के जरिये लीवर निकाल कर की जाती है। एलडीएलटी लीवर कैंसर समेत सभी तरह के अंतिम स्टेज में पहुंच चुकी लीवर संबंधी बीमारियों के लिए एक सिद्ध चिकित्सा प्रक्रिया है। वर्तमान में फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम ही भारत का एकमात्र अस्पताल है जहां लेप्रोस्कोपिक डोनर लिवर सर्जरी बड़ी कुशलता से की जाती है।'
एलटीपी एंड एचपीबी सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आशीष सिंघल ने कहा, 'हेपेटाइटिस बी और सी जैसे परंपरागत संक्रमण के कारण लीवर बीमारियों होने की प्रकृति में अब बदलाव आ गया है। 21वीं सदी में वजन बढ़ना, व्यायाम कम करना, अल्कोहल का सेवन करना, डायबिटीज के मामलोें का बढ़ना और लंबी आयु जीने के कारण मरीज कई अन्य बीमारियों साथ ही एडवांस्ड लीवर रोग की चपेट में भी आ जाते हैं। शुरुआती लक्षणों में सिर्फ थकान और सामान्य तौर पर असहजता का अहसास होता है। लेकिन जैसे ही लीवर संबंधी बीमारी बढ़ने लगती है, मरीज में पीलिया, आंत से रक्तस्राव, भ्रम और पेट में पानी जमने जैसे लक्षण उभरने लगते हैं। शुरुआती जांच ही लीवर फाइब्रोसिस को ठीक करने का मूलमंत्र है क्योंकि इससे अल्कोहल का सेवन सीमित करने और वजन में कमी लाने जैसे जिम्मेदार कारकों को कम या खत्म किया जा सकता है। आज सबसे चिंताजनक बात यह है कि लीवर संबंधी बीमारियों की चपेट में कम उम्र के युवा भी आने लगे हैं। हालांकि इनमें से 90 फीसदी से अधिक मरीजों में देरी से डायग्नोसिस हो पाती है। इस तरह की स्पेशियलिटी ओपीडी खोलने से टीयर 2 और टियर 3 के शहरों के मरीजों को सही समय पर विशेषज्ञों की सलाह पाने और जांच कराने में मदद मिलेगी।'
हाल की तरक्की और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार आने से इस क्षेत्र का कोई भी मरीज बहुत कम समय में आपात स्थिति में भी फोर्टिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम पहुंच सकता है। मरीजों को यह अतिरिक्त सुविधा मिली है जिससे इलाज शुरू करने के विंडो पीरियड के लिए न सिर्फ समय मिल जाता है बल्कि उन्हें अपने शहर में ही विश्व स्तरीय विशेषज्ञों की सलाह और सेवाएं भी मिल जाती हैं।