अपने 45 वर्षीय पिता को बचाने के लिए बेटी ने लीवर दान किया
अलीगढ़, 22 जुलाई 21: लीवर संबंधी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा ने अलीगढ़ के मैक्सफोर्ट हॉस्पिटल (डॉक्टप्रो के सहयोग से) में लीवर एवं गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के लिए अपनी ओपीडी फिर से शुरू कर दिया है। राज्य में इस तरह की सुपर स्पेशियल्टी सेवाएं देने वाली यह अपनी तरह की पहली व्यवस्था है जहां पेडियाट्रिक गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी एवं हीपैटोलॉजी क्षेत्र के विशेषज्ञ परामर्श देने के लिए उपलब्ध होंगे, अब तक ऐसी कोई सुविधा नहीं थी।
यह विशेष ओपीडी सेवाएं हर महीने के चौथे बृहस्पतिवार को उपलब्ध रहेंगी। यहां अलीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को न सिर्फ विशेषज्ञों की सलाह दी जाएगी, बल्कि प्राथमिक परामर्श लेने के लिए भी उन्हें मेट्रो शहरों की यात्रा करने के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। इस मौके पर उपस्थित डॉ. मुकुल रस्तोगी अपनी टीम और अलीगढ़ के उस मरीज के साथ मौजूद थे जिनके लीवर ट्रांसप्लांट की सफल सर्जरी की गई और लीवर दान करने वाली मरीज की बेटी ही थी।
फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा में हीपैटोलॉजी एंड लीवर ट्रांसप्लांट (मेडिकल) के अतिरिक्त निदेशक और प्रमुख डॉ. मुकुल रस्तोगी ने कहा, 'अलीगढ़ के 45 वर्षीय इस मरीज को लगभग दो वर्षों से तेज बुखार आता रहता था और वह इसकी वजह नहीं जान पा रहा था। बुखार खत्म करने के लिए उन्होंने दवाई भी ली लेकिन धीरे—धीरे उन्हें पेट में पानी भरने, टांगों में सूजन, पीलिया और नाक से खून जाने जैसी शिकायत होने लगी। तब उन्होंने फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा में दिखाने का फैसला किया। विस्तृत जांच से पता चला कि डायबिटीज के कारण उन्हें लीवर सिरोसिस हो गया है और यह इतनी विकराल स्थिति में पहुंच गया है कि लीवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प बचा रह गया है। उनके परिवारवालों को लीवर दान कर ट्रांसप्लांट सर्जरी और जिंदगी बचाने के लिए इसके फायदों के बारे में बताया गया। उनकी अविवाहित बेटी अपना लीवर दान करने को तैयार हो गई। इसके लिए सबसे पहले उसे पूरी तरह से फिट होना पड़ा और इसके बाद उसका लीवर सफलतापूर्वक निकाला गया। मरीज की स्थिति के मुताबिक सर्जरी बहुत सफल रही और अब सात साल के बाद भी दोनों बाप—बेटी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।'
देश में लीवर संबंधी रोगों के मामले खराब लाइफस्टाइल अपनाए जाने के कारण तेजी से बढ़े हैं। लीवर में संक्रमण फैट जमा होने के कारण बुखार लगने से लेकर सिरोसिस तक की गंभीर स्थिति, लीवर बेकार हो जाने के लीवर संबंधी रोग हो जाते हैं। अल्कोहल का अत्यधिक सेवन, वायरल संक्रमण (हेपटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी वायरस और अन्य संक्रमण), आॅटोइम्युन, दवाइयां/ नशा आदि जैसे कई कारणों से लीवर संबंधी रोग होते हैं। पूरी दुनिया में हर साल लगभग 10 लाख मरीजों में लीवर सिरोसिस के मामले पाए जाते हैं।
उन्होंने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों के दौरान दाता की सर्जरी प्रक्रिया उन्नत और बहुत सुरक्षित हो गई है। लीवर एक अनूठा अंग है जो दान करने के कुछ ही महीनों या एक साल के बाद ही अपने पूर्ववर्ती स्वरूप में आ जाता है और सामान्य रूप से काम करने लगता है। फोर्टिस नोएडा के पास लेपरोस्कोपिक लीवर डोनर लीवर सर्जरी नामक एक अनूठी तकनीक है और एलडीएलटी के क्षेत्र में यह एक अत्याधुनिक खोज है। इस प्रक्रिया के तहत दानकर्ता की सर्जरी एक छोटी सुराख के जरिये की जाती है और फिर पेट के निचले हिस्से में चीरा लगाकर लीवर निकाल लिया जाता है। एलडीएलटी लीवर कैंसर समेत आखिरी चरण के सभी प्रकार के लीवर रोगों के लिए एक स्थापित उपचार पद्धति है।'
फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के क्षेत्रीय निदेशक मोहित सिंह ने कहा, 'हाल की प्रगति और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में आए सुधार से इस क्षेत्र का कोई भी मरीज आपात स्थिति में बहुत कम समय के अंदर नोएडा स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल पहुंच सकता है। उन मरीजों के लिए यह एक अतिरिक्त सुविधा है जिनके इलाज की विंडो अवधि के लिए समय बच जाता है, बल्कि उन्हें अपने घर के आसपास ही विश्व स्तरीय विशेषज्ञों की राय और सेवाएं मिल जाती हैं।'