मेरठ, 28 जुलाई, 2021: कार्डियक बायपास सर्जरी के लिए वेसेल हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में हुई हाल की तरक्की ने मरीजों को बेहतर और जोखिम रहित जीवन जीने की राह आसान कर दी है। पहले धमनी में किसी तरह की सर्जरी बहुत जटिल और अत्यंत परिशुद्धता वाली सर्जरी मानी जाती थी, लेकिन इससे भी बेहतर परिशुद्धता वाली हार्मोनिक स्काल्पेल तकनीक ने इस सर्जरी में आश्चर्यजनक बदलाव लाया है।
हृदयरोग विज्ञान के क्षेत्र में हुई हालिया तरक्की के बारे में जानकारी देने के लिए मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज ने आज एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया। इस मौके पर हाल ही में सफल इलाज करा चुके मरीजों के साथ सीटीवीएस विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. वैभव मिश्रा भी उपस्थित थे। इन मरीजों में 70 वर्षीय देवेंद्र दत्त कौशिक और 42 वर्षीय जुगनू केशव ने सर्जरी के बाद बेहतर जीवन जीने के अपने अनुभव बताए।
डॉ. वैभव मिश्रा ने कहा, 'हार्मोनिक के इस्तेमाल से मरीजों को सर्जरी का बेहतर परिणाम सुनिश्चित हो सकता है और इस तरीके से की धमनी की होने वाली सर्जरी 15—20 साल से अधिक समय तक चलती है। इन मरीजों पर भी बहुत अच्छा असर हुआ और अलग से खून चढ़ाए बिना वे सर्जरी के 5 दिन बाद ही अस्पताल छोड़ने में सक्षम हो गए। परंपरागत रूप से इन धमनियों की इलेक्ट्रोकाउटरी के इस्तेमाल से हार्वेस्टिंग की जाती है और इसमें लगने वाली क्लिप कई बार संकीर्ण, दागदार और सूजन का कारण बन जाती है। लेकिन हाल की तरक्की में हार्मोनिक स्काल्पेल का जिस तरह इस्तेमाल किया जाता है, वह बहुत कारगर होता है। हार्मोनिक स्काल्पेल एक ऐसा डिवाइस है जो टिश्यू काटने और इकट्ठा करने के लिए हाई फ्रिक्वेंसी वाली अल्ट्रासोनिक तरंगों का इस्तेमाल करता है। इससे न सिर्फ आसपास के टिश्यू को कम से कम नुकसान पहुंचता है, बल्कि इसमें क्लिप लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। हार्मोनिक हुक के इस्तेमाल से होने वाली सर्जरी में क्लिप नहीं लगती और नसों को जोड़ने के लिए इसे कहीं भी आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। इन तकनीकों में थर्मल या यांत्रिक नुकसान की भी कोई संभावना नहीं रहती है। इस तकनीक से सर्जरी होने पर मरीज को बेहतरीन परिणाम मिलता है।'
मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज, नई दिल्ली नियमित रूप से कार्डियक सर्जरी में हार्मोनिक का इस्तेमाल करने वाले देश के चंद स्वास्थ्य केंद्रों में से एक है और मेरठ में कार्डियक बायपास के ऐसे कई जटिल मामलों का सफल इलाज किया गया है। इस अस्पताल में अंदरूनी थोरेसिस आर्टरी के दोनों ओर सर्जरी के लिए हार्मोनिक हुक का इस्तेमाल और रेडियल आर्टरी सर्जरी के अलावा इसी तरह के लगभग सभी मामलों की सर्जरी नियमित रूप से की जाती है।
उन्होंने कहा, 'मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में हम लगातार न सिर्फ सुरक्षित सर्जरी करने का प्रयास करते हैं बल्कि अपनी सर्जिकल दक्षता तथा अत्याधुनिक तकनीकों की मदद से मरीजों को बेहतर परिणाम देने की भी कोशिश करते हैं। हालांकि हार्मोनिक स्काल्केल जैसी तकनीक पूरी दुनिया में लंबे समय से मौजूद है लेकिन ज्यादातर कार्डियक सर्जन प्रशिक्षण के अभाव में इसका इस्तेमाल करने से कतराते हैं। मैक्स हेल्थकेयर में हम नए उभरते सर्जनों को यह तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं और इसके लिए हम जल्द ही कुछ प्रतिष्ठित सम्मेलनों में अपने किए गए कार्यों की प्रस्तुति देंगे।